कश्मीर पर न हो सियासी नौटंकी! UNSC में भारत ने पाकिस्तान को लताड़ा, कहा- आतंकवादियों का अड्डा; पढ़ें 10 बड़ी बातें
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर और जल विवाद को उठाने पर भारत ने पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की. राजदूत पी. हरीश ने पाकिस्तान को आतंकवाद का संरक्षक और आईएमएफ का कर्ज़दार बताते हुए उसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए. भारत ने कश्मीर को आंतरिक मुद्दा बताया और पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ध्यान भटकाने की रणनीति को बेनकाब किया.;
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की हालिया बैठक में भारत ने पाकिस्तान के एक बार फिर कश्मीर मुद्दे और सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की कोशिश पर तीखा जवाब दिया. पाक उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने मंच से बयान दिया कि कश्मीर एक "अंतरराष्ट्रीय विवादित क्षेत्र" है और भारत के जल संधि से जुड़े निर्णय "अफसोसजनक" हैं. इस पर भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने पाकिस्तान की पुरानी रणनीति को आड़े हाथों लेते हुए इसे "आतंकवादियों का अड्डा" और "कर्ज में डूबा राष्ट्र" करार दिया.
राजदूत हरीश ने कड़े शब्दों में कहा कि भारत एक परिपक्व लोकतंत्र, समावेशी समाज और उभरती वैश्विक शक्ति है. जबकि पाकिस्तान आतंकवाद और कट्टरता में जकड़ा हुआ है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि UNSC जैसे मंच पर शांति और सुरक्षा की बात करते हुए आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए, खासकर जब एक देश खुद उसे प्रायोजित करता हो.
पाकिस्तान को भारत का जवाब
- कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है: भारत ने दोहराया कि जम्मू-कश्मीर उसकी संप्रभुता का हिस्सा है, और उस पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी या मध्यस्थता पूरी तरह अस्वीकार्य है.
- UNSC में पाकिस्तान की चाल फेल: इशाक डार ने सुरक्षा परिषद में कश्मीर और जल संधि का मुद्दा उठाया, लेकिन भारत ने इसे ध्यान भटकाने की पुरानी रणनीति करार दिया.
- आतंकवाद पर पाकिस्तान को घेरा गया: राजदूत हरीश ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को खुलेआम प्रायोजित करता है और वैश्विक मंचों पर शांति की बातें करता है- यह पूर्ण दोहरापन है.
- कट्टरता बनाम समावेशिता: भारत ने अपने लोकतंत्र, बहुलता और विकास की मिसाल पेश करते हुए पाकिस्तान के कट्टरपंथी माहौल और कटु राजनीति को उजागर किया.
- सिंधु जल संधि द्विपक्षीय है: भारत ने स्पष्ट किया कि सिंधु जल संधि एक द्विपक्षीय समझौता है, और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इसे उठाना नियमों के खिलाफ है.
- कर्ज़दार पाकिस्तान पर तंज: भारत ने पाकिस्तान की लगातार IMF से कर्ज मांगने की आदत पर कटाक्ष करते हुए उसकी आंतरिक अस्थिरता को उजागर किया.
- UNSC को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहने की सलाह: राजदूत ने परिषद से आग्रह किया कि आतंकवाद के विरुद्ध ‘शून्य सहनशीलता’ की नीति सभी पर समान रूप से लागू होनी चाहिए.
- पाकिस्तान का अंतरराष्ट्रीयकरण का प्रयास फेल: यह कोई पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की कोशिश की हो, लेकिन हर बार उसे ठोकर लगी है.
- भारत की छवि और मज़बूत हुई: संयमित, सटीक और नैतिक आधार पर रखे गए भारत के जवाब ने वैश्विक मंच पर उसकी छवि को और निखारा है.
- पाकिस्तान की रणनीति को बेनकाब किया गया: भारत ने बताया कि कैसे पाकिस्तान बार-बार अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान अपनी आंतरिक असफलताओं से भटकाने की कोशिश करता है.