खतरनाक रास्ते पर धरती की तरफ बढ़ रहे 4 विशाल एस्टेरॉयड, साइंटिस्ट रख रहे पैनी नजर
Asteroid alert: 2025 CR1 सहित 4 विशाल एस्टेरॉयड पृथ्वी के बेहद करीब से गुजर रहे हैं. इननमें से एक पृथ्वी से केवल 513,000 किमी दूर से गुजर रहा है. वैज्ञानिक इन तेज़ गति से चलने वाले स्पेस रॉक्स पर बारीकी से नजर रख रहे हैं, जिनमें से कुछ 10 KM/S से अधिक की स्पीड से आगे बढ़ रहे हैं.;
Asteroid alert: एस्टेरॉयड को लेकर स्पेस एजेंसियां समय-समय पर आगाह करती रहती है. अब खबर आ रही है कि इस महीने की शुरूआत से ही 4 विशाल एस्टेरॉयड - 2025 CK1, 2025 CR1, 2025 CP1 और 2025 CJ , धरती के काफी करीब होकर गुजरने वाला है. ये चारो एस्टेरॉयड अपोलो और एटेन से रिलेटेड हैं.
एस्टेरॉयड का धरती के करीब आना हमें स्थायी अंतरिक्ष चट्टान खतरों को लेकर आगाह करता है. ये हमारे ग्रह के लिए कोई वर्तमान खतरा न होने के बावजूद हमारे ब्रह्मांडीय परिवेश में मौजूद हैं. नासा जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) के वैज्ञानिक इन NEOs पर लगातार रिसर्च कर रहे हैं. ताकि भविष्य में किसी भी खतरे पर नजर रखी जा सके.
पृथ्वी से गुजरने वाले चारो एस्टेरॉयड-
एस्टेरॉयड 2025 CK1
पहला एस्टेरॉयड 2025 CK1 अपोलो ग्रुप का है. इसकी लम्बी ऑर्बिट इसे पृथ्वी के खतरनाक रूप से करीब आने देती है. 6 फरवरी 2025 को दिन के 11:50 मिनट बजे पृथ्वी से 1.57 मिलियन किमी की दूरी से गुजरेगा, जो चंद्रमा से चार गुना दूरी के बराबर है. यह आंतरिक सौर मंडल से गुजरते समय पृथ्वी के सापेक्ष 10.11 किमी/सेकंड की गति से चलेगा.
एस्टेरॉयड 2025 CR1
एस्टेरॉयड 2025 CR1 केवल 513772 किमी की दूरी पर काफी नज़दीक होगा और चंद्रमा की दूरी से भी अधिक करीब रहेगा. 6 फरवरी को शाम 9:03 pm बजे अपोलो ग्रुप का CR1 पृथ्वी से गुज़रेगा. इसकी गति 6.02 किमी/सेकंड की होगी. ट्रेजेक्टरी मॉडिफिकेशन के कारण यह पृथ्वी के और भी करीब आ जाएगा.
एस्टेरॉयड 2025 CP1
एस्टेरॉयड 2025 CP1 एटन ग्रुप में आता है. यह एस्टेरॉयड हमारे ग्रह के फिर से निकट पहुंचने से पहले 253 दिनों की गति से पृथ्वी की परिक्रमा करता है. ये पृथ्वी के सबसे निकट 5 फरवरी को था. हालांकि, अब यह धरती के करीब मौजूद है.
एस्टेरॉयड 2025 CJ
एस्टेरॉयड 2025 CJ अंतिम एस्टेरॉयड है, जो अपोलो-क्लास ग्रुप में आता है. ये एस्टेरॉयड 5 फरवरी को पृथ्वी से अपनी निकटतम दूरी पर पहुंच गया, लेकिन अन्य एस्टेरॉयड की तुलना में इसकी गति काफी कम है. ये फिलहाल धरती के करीब ही है. एस्टेरॉयड पर साइंटिस्ट लगातार नजर रख रहे हैं.