पहले किडनैप, फिर पीट-पीटकर निर्मम हत्या... भारत को अल्पसंख्यक पर ज्ञान देने के बाद बांग्लादेश में हिंदु नेता के साथ बर्बरता
बांग्लादेश के स्थानीय मीडिया के अनुसार, भबेश चंद्र नामक व्यक्ति उस क्षेत्र में हिंदू समुदाय का एक प्रमुख नेता था, जो बांग्लादेश पूजा उद्जापन परिषद की बिराल इकाई का उपाध्यक्ष भी था. हत्या के बाद एक बार फिर से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं.;
Bangladeshi Hindu: बांग्लादेश खुद को बहुत बड़ा दुनिया का 'हूजुर' समझने लगा है. यही कारण है कि एक दिन पहले ही भारत को बंगाल में हुई हिंसा को लेकर ज्ञान दे रहा था, जिसे लेकर भारत ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया. लेकिन इससे भी करारा जवाब उसके खुद के देश में रह रहे कट्टरपंथियों ने दिया है. पड़ोसी बांग्लादेश में हिंदुओं पर रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. अब बांग्लादेश में एक हिंदू समुदाय के नेता की निर्मम हत्या कर दी गई, जिसके बाद अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर बांग्लादेश एक बार फिर से एक्सपोज हो चुका है.
अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की एक और घटना में दिनाजपुर के बिराल उपजिला में एक हिंदू नेता को पहले तो किडनैप किया गया और उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई, जिसकी पुष्टि स्थानीय पुलिस और परिवार के सदस्यों ने की है. स्थानीय मीडिया के अनुसार, भबेश चंद्र नामक व्यक्ति उस क्षेत्र में हिंदू समुदाय का एक प्रमुख नेता था, जो बांग्लादेश पूजा उद्जापन परिषद की बिराल इकाई का उपाध्यक्ष भी था.
दूर गांव में ले जाकर पीट-पीटकर कर दी हत्या
बांग्लादेश के दीनाजपुर ज़िले में गुरुवार को बाइक सवार 4 बदमाशों ने भाबेश चंद्र नामक हिंदू नेता को उसके घर से किडनैप कर लिया और नाराबाड़ी गांव ले जाकर बेरहमी से पीटा. बाद में उसका बेहोश शरीर एक वैन से घर के बाहर फेंक दिया गया. अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
भाबेश की पत्नी शंतना रॉय ने बताया कि हमलावर 2 मोटरसाइकिलों पर आए थे और उनके पति को जबरन खींचकर ले गए. चश्मदीदों ने पुष्टि की है कि भाबेश को गांव में पीटा गया था. हालांकि, बांग्लादेश की पुलिस ने मामला दर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी है और हमलावरों की पहचान की जा रही है. ऐसे कई अनगिनत हत्याएं है, जिसकर कार्रवाई करने में पुलिस नाकाम रही है.
हिंदू समुदाय पर लगातार बढ़ रहे हमले
मानवाधिकार संगठन 'आइन ओ सालिश केंद्र (AsK)' की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले महीने ही हिंदू समुदाय पर हमलों की 147 घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 408 घरों को तोड़ा गया और 36 में आगजनी की गई. इसके किडनैपिंग, 113 दुकानों और 92 मंदिरों में तोड़फोड़ की गई, जिससे अल्पसंख्यकों में भय का माहौल बन गया है.
सितंबर 2024 की एक रिपोर्ट के अनुसार, आवामी लीग सरकार के पतन के बाद से देशभर में अल्पसंख्यकों पर हमले तेज हो गए हैं. स्थिति तब और बिगड़ी जब मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार सत्ता में आई. इस दौरान हिंदू समुदाय के खिलाफ गैंगरेप, हत्या और मंदिरों को अपवित्र करने जैसी घटनाएं बढ़ी हैं.
भारत ने जताई गंभीर चिंता
भारत ने कई बार बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है. हाल ही में बैंकॉक में BIMSTEC सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुद्दे को उठाया और कहा कि अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले केवल राजनीतिक या मीडिया की उपज नहीं, बल्कि एक वास्तविक और गंभीर मानवाधिकार संकट हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, 'हमने बांग्लादेश सरकार से कहा है कि हिंसा को राजनीतिक कारण बताकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.'