Ukraine को NATO में No Entry, Donald Trump बोले बाइडेन प्रशासन की नीतियों से अलग है रुख
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन को NATO में शामिल नहीं किया जाएगा, क्योंकि इससे रूस-यूक्रेन युद्ध और बढ़ सकता है. उन्होंने सैन्य सुरक्षा देने से इनकार किया और इसके बदले आर्थिक सहयोग की पेशकश की.;
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन की NATO सदस्यता को लेकर बड़ा बयान दिया है. व्हाइट हाउस में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर (Keir Starmer) से मुलाकात के दौरान, ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा कि यूक्रेन को NATO में शामिल नहीं किया जाएगा. उन्होंने तर्क दिया कि ऐसा कोई भी कदम रूस-यूक्रेन युद्ध को और भड़का सकता है और वर्तमान भू-राजनीतिक तनाव को हल करने के बजाय बढ़ा देगा.
NATO विस्तार के खिलाफ ट्रंप का कड़ा रुख
ट्रंप ने इस बैठक में कहा कि यूक्रेन को NATO में शामिल करने की कोशिश रूस और पश्चिम के बीच मौजूदा संघर्ष का एक प्रमुख कारण है. उनके अनुसार, रूस के लिए यह एक रणनीतिक खतरा है और इसी वजह से उसने 2022 में यूक्रेन पर हमला किया था. ट्रंप पहले भी कई बार NATO पर सवाल उठा चुके हैं और उन्होंने अपने कार्यकाल में यह भी कहा था कि अगर NATO देशों ने पर्याप्त आर्थिक योगदान नहीं दिया, तो अमेरिका गठबंधन से हट सकता है.
NATO (North Atlantic Treaty Organization) एक सैन्य गठबंधन है, जिसमें अमेरिका समेत 31 देश शामिल हैं. इसका मुख्य उद्देश्य अपने सदस्य देशों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. यूक्रेन लंबे समय से NATO में शामिल होने की कोशिश कर रहा है, लेकिन रूस इसके खिलाफ रहा है.
यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी नहीं, बल्कि आर्थिक सौदे का प्रस्ताव
जब यूक्रेन को अमेरिकी सुरक्षा सहयोग देने की बात आई, तो ट्रंप ने सैन्य सुरक्षा गारंटी देने से इनकार कर दिया. इसके बजाय, उन्होंने यूक्रेन के खनिज संसाधनों (mineral rights) से जुड़ा एक व्यापारिक प्रस्ताव देने की बात कही, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था को मदद मिल सके. यह बयान उनकी विदेश नीति में एक अलग रुख दिखाता है, जहां वह सैन्य गठबंधनों के बजाय आर्थिक सौदों पर अधिक जोर दे रहे हैं.
बाइडेन प्रशासन की नीतियों से अलग रुख
वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन की नीतियां ट्रंप से बिल्कुल अलग रही हैं. बाइडेन प्रशासन ने अब तक यूक्रेन को अरबों डॉलर की सैन्य और आर्थिक सहायता दी है और NATO के विस्तार का समर्थन किया है. इसके विपरीत, ट्रंप रूस के साथ कूटनीतिक समझौते और NATO के विस्तार पर रोक लगाने के पक्षधर हैं. उनका मानना है कि इससे यूरोप में स्थिरता बनी रह सकती है.यूक्रेन और रूस के बीच शांति वार्ता का सुझाव
ट्रंप ने अपने बयान में यह भी कहा कि अगर रूस और यूक्रेन के बीच कोई शांति समझौता होता है, तो रूस को अपने कब्जे वाले क्षेत्रों को वापस लौटाना होगा. हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि अमेरिका इस वार्ता में कैसे मदद करेगा.
क्या होगा यूक्रेन का भविष्य?
ट्रंप के इस बयान के बाद यूक्रेन की NATO सदस्यता की संभावना कम होती दिख रही है. अगर अमेरिका अपने समर्थन से पीछे हटता है, तो यूक्रेन के लिए यह एक बड़ा झटका होगा. इससे रूस को कूटनीतिक और रणनीतिक रूप से फायदा मिल सकता है. अब यह देखना होगा कि आने वाले अमेरिकी चुनावों में ट्रंप की यह नीति क्या प्रभाव डालती है और यूरोप तथा NATO देश इस पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं.