सच्चाई पर सवाल: पाकिस्तानी सेना और BLA के अलग-अलग दावे; क्वेटा रेलवे स्टेशन पर दिखे 200 ताबूत
बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर 450 यात्रियों को बंधक बनाए जाने की घटना ने पाकिस्तान की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. पाकिस्तानी सेना और बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के अलग-अलग दावे सच्चाई को लेकर संदेह पैदा कर रहे हैं. इस हमले और रेस्क्यू ऑपरेशन में 28 सैनिकों की मौत हुई, जबकि BLA अब भी 154 बंधकों के कब्जे में होने का दावा कर रहा है.;
बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के हाईजैक और रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर पाकिस्तान और बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के दावे एक-दूसरे से मेल नहीं खाते. पाकिस्तान सेना का कहना है कि उसने 33 आतंकियों को मारकर सभी 346 बंधकों को छुड़ा लिया, जबकि BLA का दावा है कि अभी भी 154 से अधिक पाकिस्तानी नागरिक उनके कब्जे में हैं. ऐसे में सच्चाई क्या है, यह सवाल बना हुआ है.
यह हमला मंगलवार रात तब हुआ जब क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस एक सुरंग से गुजर रही थी. BLA ने पहले रेलवे ट्रैक को विस्फोट से उड़ा दिया और फिर ट्रेन पर हमला कर दिया. पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों के अनुसार, हाईजैक की गई ट्रेन में सवार 27 गैर-ड्यूटी सैनिकों को आतंकियों ने मार दिया, जबकि एक सैनिक ऑपरेशन के दौरान मारा गया. सेना का दावा है कि ट्रेन के सभी बंधकों को बचा लिया गया है, लेकिन सवाल यह है कि BLA लगातार इसका खंडन क्यों कर रहा है?
BLA का दावा- कब्जे में 154 से ज्यादा बंधक
पाकिस्तानी सेना के ऑपरेशन के दावे के कुछ ही घंटों बाद, BLA ने बयान जारी कर कहा कि उनके कब्जे में अभी भी 154 से ज्यादा पाकिस्तानी नागरिक हैं. BLA के अनुसार, ट्रेन में कुल 426 यात्री थे, जिनमें से 214 सैन्यकर्मी थे. हाईजैक के पहले घंटे में 212 यात्रियों को रिहा कर दिया गया था, लेकिन अब तक 40 पाकिस्तानी सैनिक और 60 अन्य बंधक मारे जा चुके हैं. BLA का यह दावा पाकिस्तान के आधिकारिक बयान से पूरी तरह अलग है.
पाकिस्तानी सेना के सख्त रुख ने बढ़ाया संकट?
मानवाधिकार कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा के अनुसार, ऐसा लगता है कि पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन में बंधकों की जान बचाने के लिए बातचीत का रास्ता नहीं अपनाया. सेना ने सीधे हमले का फैसला लिया, जिससे बड़ी संख्या में लोगों की जान गई. अगर BLA के दावों को सच माना जाए, तो पाकिस्तानी सरकार ने अपने ही नागरिकों को गंभीर संकट में डाल दिया है.
200 ताबूत भेजने की खबर से बढ़ी चिंता
इस पूरे घटनाक्रम के बीच, एक चौंकाने वाली खबर यह आई कि क्वेटा रेलवे स्टेशन से 200 ताबूत भेजे गए हैं. यह इशारा करता है कि इस संघर्ष में मरने वालों की संख्या कहीं अधिक हो सकती है. इतनी बड़ी संख्या में ताबूतों का भेजा जाना बताता है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई में भारी नुकसान हुआ है, लेकिन सरकार इसे छिपाने की कोशिश कर रही है.
18 घंटे की चेतावनी, क्या होगा अगला कदम?
BLA ने पाकिस्तान सरकार को 18 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो हालात और बिगड़ सकते हैं. अब यह देखना होगा कि पाकिस्तान सरकार इस संकट से कैसे निपटती है. क्या वह वार्ता का रास्ता अपनाएगी या फिर सैन्य कार्रवाई को और तेज करेगी? बलूचिस्तान में बिगड़ते हालातों को देखते हुए यह स्पष्ट है कि इस संकट का जल्द हल निकालना पाकिस्तान के लिए बेहद जरूरी है.