क्या Ice Age में इंसानों का दिमाग खाते थे कुछ लोग? पोलैंड की गुफा में मिले सबूत

वैज्ञानिकों ने पोलैंड की मस्ज़िका गुफा में 18,000 साल पुराने इंसानों के खाने का खुलासा किया है. रिसर्च के अनुसार, मैग्डलेनियन समूह ने अपने दुश्मनों का दिमाग और मज्जा निकालकर खाया होगा. हड्डियों पर कटने और टूटने के निशान मिले हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि युद्ध के समय इंसानों के खाने का हिस्सा था, जो संसाधनों के संघर्ष के कारण हुआ था.;

( Image Source:  Research paper )
Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 18 Feb 2025 1:07 PM IST

इंसानों को खाने वाले जंगली जानवरों और यहां तक कि कुछ क्रूर अपराधियों के नरभक्षी होने की कहानियां तो आपने सुनी होंगी. लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि हजारों साल पहले यूरोप में कुछ ऐसे भी लोग रहे जो इंसानी दिमाग खाया करते थे. वैज्ञानिकों की मानें तो करीब 18000 साल पहले हिम युग यानी आइस एज के दौरान यूरोप में रहने वाले कुछ लोग ऐसा किया करते थे.

साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित एक नई स्‍टडी से पता चलता है कि पोलैंड की मस्ज़िका गुफा में मैग्डालेनियन नाम के इस ग्रुप के लोगों ने अपने मरे हुए दुश्मनों का दिमाग निकालकर खा लिया होगा.

10 लोगों के रिसर्च में पता चला

स्पेन में कैटलन इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन पैलियोइकोलॉजी एंड सोशल इवोल्यूशन के फ्रांसेस्क मार्जिनेडास के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम ने पोलैंड में क्राको के पास माज़ीका गुफा में मानव अवशेषों की स्टडी की, जहां 19वीं शताब्दी में मानव हड्डियों और औजारों के साथ-साथ हिमयुग के जानवरों के अवशेष भी पाए गए थे. जब उन्होंने 10 लोगों जिनमें छह वयस्कों और चार बच्चों के अवशेषों की स्टडी की, तो उन्हें कट के निशान और टूट-फूट के निशान मिले, जो खोपड़ियों में लंबी हड्डियों और मस्तिष्क में मज्जा के निकाले जाने से जुड़े हैं.

दुश्मनों के शवों को नहीं बक्शा

रिसर्च के दौरान इन कंकालों पर स्कैल्पिंग (खोपड़ी की त्वचा हटाना) और कान काटने के संकेत भी मिले हैं. इससे पता चलता है कि मैग्डलेनियन लोगों ने बाहरी लोगों (दुश्मनों) के शवों को काटा और उनका उपयोग किया. कुछ कंकाल सम्मानपूर्वक दफनाए गए, जबकि अन्य के टुकड़े किए गए और जानवरों के अवशेषों के साथ फेंक दिए गए, जिससे सम्मान की कमी का संकेत मिलता है.

हड्डियों से बनाए गए सजावटी सामान

बता दें, मैग्डालेनियन समूह के बारे में बहुत कम जानकारी है, लेकिन दशकों से गुफा में मानव अवशेषों पर किए गए अध्ययन 'अंतिम संस्कार' परंपराओं की ओर इशारा करते हैं. जिसमें मांस निकालना, अलग करना और औजारों के लिए मानव हड्डियों का फिर से उपयोग करना शामिल है. पिछले स्टडी से पता चला है कि कैसे उन्होंने खोपड़ी के कप और आभूषण बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में मानव हड्डी का उपयोग किया. वैज्ञानिकों ने रिसर्च पेपर में लिखा कि इनमें से कुछ नमूनों में त्वचा और मांस को हटाने के कुछ समय बाद उनसे सजावटी सामान बनाए गए.

संघर्ष से निकली नरभक्षण की प्रथा

वैज्ञानिकों का मानना है कि अंतिम हिम युग के बाद, जनसंख्या बढ़ने से संसाधनों के लिए संघर्ष शुरू हुआ. इससे युद्ध और इंसानों के खाने जैसी प्रथाओं को बढ़ावा मिला. वैज्ञानिकों का मानना है कि मैग्डलेनियन नरभक्षण कोई असामान्य प्रथा नहीं थी, बल्कि यह उनके समाज का एक हिस्सा हो सकता है.

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