सड़क पर लाश ही लाश...जिंदा बचे व्यक्ति ने सुनाई 'खूनखराबे' की आपबीती

सीरिया में बदला लेने की हत्याओं का शिकार बने धार्मिक अल्पसंख्यक समूह अलावी, वहां हो रहे भयानक खूनखराबे की दास्तान सुना रहे हैं. इन हमलों में अब तक 745 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. एक बचे हुए व्यक्ति ने इसे "लाशों से भरी सड़कें" बताया, जबकि कुछ ने याद किया कि कैसे असद समर्थकों को निशाना बनाते हुए हमलावरों ने निर्दोष लोगों को इकट्ठा कर गोलियों से भून दिया.;

Edited By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 10 March 2025 12:22 AM IST

सीरिया में बदला लेने की हत्याओं का शिकार बने धार्मिक अल्पसंख्यक समूह अलावी, वहां हो रहे भयानक खूनखराबे की दास्तान सुना रहे हैं. इन हमलों में अब तक 745 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. एक बचे हुए व्यक्ति ने इसे "लाशों से भरी सड़कें" बताया, जबकि कुछ ने याद किया कि कैसे असद समर्थकों को निशाना बनाते हुए हमलावरों ने निर्दोष लोगों को इकट्ठा कर गोलियों से भून दिया.

रिहाब कामेल और उनका परिवार दो दिनों तक अपने घर के बाथरूम में छिपा रहा, जब हथियारबंद लोगों ने बनियास में उनके अलावी समुदाय को निशाना बनाया. तटीय शहर, जो इस समुदाय का गढ़ माना जाता है, दिसंबर में पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के अपदस्थ होने के बाद से भीषण हिंसा की चपेट में आ चुका है. कामेल ने बताया, "हमने लाइटें बंद कर लीं और छिप गए. जब अंततः अपने पड़ोस से निकलने में सफल हुए, तो सड़कें लाशों से पटी हुई थीं." उन्होंने सवाल उठाया, "बच्चों का क्या अपराध था? क्या वे भी शासन के समर्थक थे?"

अब तक कितने लोगों की हुई हत्या

हिंसा तब भड़की जब असद समर्थक बंदूकधारियों ने सीरिया के नए सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया, जिसमें दोनों पक्षों के दर्जनों लोग मारे गए. सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, इस झड़प के बाद लताकिया और टारटस प्रांतों में कम से कम 745 अलावी नागरिकों की हत्या कर दी गई.

लताकिया में प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सशस्त्र समूहों ने अलावी नागरिकों को अगवा कर बेरहमी से मार डाला. इनमें सरकारी सांस्कृतिक केंद्र के प्रमुख यासर सब्बौह भी थे, जिनका शव बाद में उनके घर के बाहर फेंका गया. बनियास के 67 वर्षीय समीर हैदर ने अपने दो भाइयों और एक भतीजे की दर्दनाक हत्या की कहानी सुनाई. उन्होंने कहा, "हमलावरों ने सभी को छत पर इकट्ठा किया और गोलियां चला दीं. मेरा भतीजा किसी तरह बच गया, लेकिन मेरे भाई को इमारत में मौजूद बाकी लोगों के साथ मार दिया गया."

इस्लामी समूह हयात तहरीर अल-शाम के पूर्व नेता और अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने राष्ट्रीय एकता और नागरिक शांति का आह्वान किया है. दमिश्क की एक मस्जिद में उन्होंने कहा, "ईश्वर की इच्छा से, हम इस देश में साथ रह सकेंगे." हालांकि, दशकों तक असद परिवार के शासन में रही क्रूरता का बदला लेने के भय से सीरिया का अलावी समुदाय सहमा हुआ है. स्थानीय निवासियों के अनुसार, तटवर्ती गांवों और कस्बों में योजनाबद्ध हत्याओं की घटनाएं लगातार हो रही हैं, जिससे तनाव और भय का माहौल बना हुआ है.

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