क्या वर्ल्ड वार से भी खतरनाक था 'कोविड-19', जिसने दुनिया भर में लोगों से छीने जीवन के ढाई साल?
World Life Expectancy: हृदय रोग लंबे समय से अमेरिका और दुनिया भर में मौत का प्रमुख कारण रहा है. कोविड महामारी ने इसके प्रभावों को और भी बदतर बना दिया है. भारत में COVID-19 के पहला मामला 30 जनवरी 2020 को आया था. इस दौरान लाइफ एक्सपेक्टेंसी में 2.6 साल कम हो गई थी.;
World Life Expectancy: पांच साल पहले कोविड-19 आधुनिक इतिहास के सबसे खतरनाक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकटों में से एक था. इसने न केवल दुनियाभर में लोगों के लाइफस्टाइल को बदलकर रख दिया, बल्कि औसतन लोगों से उनकी जिंदगी के ढाई साल छिन लिया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में COVID-19 के पहला मामला 30 जनवरी 2020 को आया था. इस दौरान यहां भी 2019 और 2020 के बीच लाइफ एक्सपेक्टेंसी में 2.6 साल कम हो गई थी.
महामारी के पहले दो साल के दौरान अमेरिका में लाइफ एक्सपेक्टेंसी में लगभग 2.7 साल की गिरावट आई, ये द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सबसे बड़ी गिरावट है.
हृदय रोग दुनियाभर में मौतों का बड़ा कारण
हृदय रोग लंबे समय से अमेरिका और दुनिया भर में मौत का प्रमुख कारण रहा है. कोविड महामारी ने इसके प्रभावों को और भी बदतर बना दिया है, जो लाइफ एक्सपेक्टेंसी कम होने का बड़ा कारण है. हालांकि, सोशल डिसटेंस, हाथ धोना और फेस मास्क पहनने की आदत से इन्फ्लूएंजा से होने वाली मौतों को कम करने में मदद मिली.
2025 तक 5 साल में बढ़ सकती है लाइफ एक्सपेक्टेंसी
उम्मीद है कि चीजें बदलेंगी. सदी के मध्य तक वर्ल्डवाइड लाइफ एक्सपेक्टेंसी में लगभग पांच साल की वृद्धि होने का अनुमान है, जो 2022 में 73.6 वर्ष से बढ़कर 2050 में 78.1 वर्ष हो जाएगी.
भारत में 2050 तक पुरुषों और महिलाओं के लगभग सात साल अधिक जीने की उम्मीद है.पुरुषों और महिलाओं का औसत जीवनकाल 76 और 80 साल होने की उम्मीद है.