ये तो एकतरफा बदमाशी है... चीन ने ट्रंप को दी खुली धमकी, कहा- अमेरिका के इशारों पर नहीं चलेंगे
चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में तनाव बढ़ा दिया है. राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा चीनी आयात पर 50% टैरिफ की धमकी के जवाब में चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर कड़ा रुख अपनाया है. बीजिंग ने चेतावनी दी है कि वह अपने अधिकारों की रक्षा करेगा और किसी दबाव में नहीं झुकेगा. बातचीत की संभावना बनी हुई है, लेकिन तनाव चरम पर है.;
चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनातनी ने एक बार फिर वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता बढ़ा दी है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी वस्तुओं पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने की धमकी ने बीजिंग को अपनी स्थिति स्पष्ट करने पर मजबूर कर दिया. चीन ने दो टूक कहा है कि यदि अमेरिका ने एकतरफा रवैया अपनाया, तो वह निर्णायक जवाबी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा.
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने अमेरिका के कदम को 'एकतरफा बदमाशी' करार देते हुए कहा कि देश अपने संप्रभु हितों और वैश्विक व्यापार सिद्धांतों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगा. मंत्रालय ने दोहराया कि अमेरिका की धमकी 'गलती पर गलती' के समान है और इससे उसके दबाव बनाने वाले स्वभाव का खुलासा होता है.
टकराव के बीच बातचीत की गुंजाइश
हालांकि बयानबाज़ी तीखी है, लेकिन चीन ने स्पष्ट किया कि वह बातचीत के लिए अभी भी तैयार है. बीजिंग का मानना है कि व्यापार युद्ध का कोई विजेता नहीं होता. अमेरिका के 54 प्रतिशत टैरिफ के जवाब में चीन ने भी अमेरिकी वस्तुओं पर 34 प्रतिशत का शुल्क लगाने की घोषणा की है, लेकिन यह कदम अपनी सुरक्षा और सम्मान की रक्षा के तौर पर उठाया गया है.
ट्रंप की रणनीति से हो रही आलोचना
ट्रंप का यह नया टैरिफ आदेश न केवल चीन को चुनौती दे रहा है, बल्कि अमेरिका के भीतर भी आलोचना का कारण बन गया है. रिपब्लिकन पार्टी के कई नेता इसे अतिवादी और वैश्विक मंदी को बढ़ावा देने वाला कदम मान रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस तनाव से चिंतित है, क्योंकि इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो सकती है.
चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में तनाव बढ़ा दिया है. राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा चीनी आयात पर 50% टैरिफ की धमकी के जवाब में चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर कड़ा रुख अपनाया है. बीजिंग ने चेतावनी दी है कि वह अपने अधिकारों की रक्षा करेगा और किसी दबाव में नहीं झुकेगा. बातचीत की संभावना बनी हुई है, लेकिन तनाव चरम पर है.
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर अमेरिका-चीन संबंधों को भू-राजनीतिक संतुलन की परीक्षा में डाल दिया है. चीन ने साफ कर दिया है कि वह न तो किसी दबाव में झुकेगा और न ही अमेरिका की शर्तों पर चलने को तैयार है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह संघर्ष बातचीत की ओर बढ़ेगा या और ज्यादा आर्थिक तनाव को जन्म देगा.