चीन के सेंट्रल बैंक का बड़ा फैसला, RRR में कटौती से सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में जान फूंकने की तैयारी
चीन की सेंट्रल बैंक ने देश को आर्थिक मंदी से बाहर निकालने के लिए कई बड़ी घोषणाएं की है जिससे देश में आर्थिक सुधार करना थोड़ा आसान हो जाएगा. इन घोषणाओं से एशिया के बाजार में एक उछाल देखने को मिला है. चीन 2021 से आर्थिक मंदी से जूझ रहा है. इससे बाहर निकलने के लिए चीन लगातार ही कई घोषणाएं कर रहा है.;
चीन की सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए चीन के सेंट्रल बैंक, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBOC) ने कई महत्वपूर्ण उपायों और बड़े वित्तीय पैकेजों की घोषणा की है. पीबीओसी के गवर्नर पैन गोंगशेंग ने कर्ज लेने की लागत को कम करने और बैंकों को अधिक ऋण देने के लिए कुछ बड़े फैसले लिए हैं, जिससे देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने की उम्मीद जताई जा रही है.
चीन की अर्थव्यवस्था की स्थिति अभी निराशाजनक बनी हुई है. इस स्थिति से बाहर निकलने का प्रयास लगातार ही चीन कर रहा है. इस कदम से देश की उम्मीदें बढ़ गई है. आपको बता दें कि चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जो इस बार अपने 5 प्रतिशत विकास लक्ष्य से चूक जाएगी.
चीन की इस घोषणा के बाद एशिया के शेयर बाजार में भारी उछाल आया है जिसके बाद से निवेशकों की उम्मीदें बढ़ गई है.
पैन की घोषणा
दो वित्तीय नियामकों के अधिकारियों के साथ समाचार सम्मेलन में बोलते हुए, पैन ने कहा कि केंद्रीय बैंक बैंकों द्वारा आरक्षित रखने के लिए नकदी की मात्रा में कटौती करेगा - जिसे Reserve Requirement Ratios (RRR) के रूप में जाना जाता है.
RRR में शुरुआत में आधे प्रतिशत की कटौती की जाएगी, इस कदम से लगभग 1 ट्रिलियन युआन ($142 बिलियन; £106 बिलियन) मुक्त होने की उम्मीद है. पैन ने कहा कि साल के अंत में एक और कटौती की जा सकती है.
अन्य आर्थिक सुधार उपाय
चीन के संकटग्रस्त रियल एस्टेट बाजार को बढ़ावा देने के लिए कुछ अन्य उपायों की भी घोषणा की गई। इनमें मौजूदा Mortgage की ब्याज दरों में कटौती और सभी प्रकार के होम लोन पर न्यूनतम डाउन पेमेंट को घटाकर 15% करने का फैसला शामिल है. यह कदम रियल एस्टेट सेक्टर की गंभीर चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, जो 2021 से मंदी के दौर से गुजर रहा है.
रियल एस्टेट सेक्टर में संकट
चीन का रियल एस्टेट सेक्टर 2021 से भारी मंदी का सामना कर रहा है. कई डेवलपर्स कर्ज के बोझ तले दब गए हैं, जिससे देशभर में बड़ी संख्या में बिना बिके घर और अधूरे प्रोजेक्ट्स की समस्या खड़ी हो गई है. इन चुनौतियों से उबरने के लिए चीन को अपने आर्थिक नीति में सुधार की जरूरत महसूस हुई, और पीबीओसी द्वारा हाल ही में घोषित किए गए उपाय इस दिशा में एक बड़ा कदम हैं.
शेयर बाजार पर असर
चीन की इन घोषणाओं का एशियाई शेयर बाजारों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। इस खबर के बाद शंघाई और हांगकांग के प्रमुख शेयर इंडेक्स के अंत तक 4% से अधिक की बढ़त के साथ बंद हुए. इससे निवेशकों की उम्मीदें भी बढ़ी हैं, जो चीन की अर्थव्यवस्था के तेजी से पुनरुद्धार की संभावना देख रहे हैं.