BRICS SUMMIT 2024: शांति मोड में जिनपिंग, मोदी बोले- युद्ध नहीं हम डायलॉग और डिप्लोमैसी वाले
BRICS सम्मलेन में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बयान दिया. शी जिनपिंग ने कहा कि अशांति के दौर में एक शांतिपूर्ण ब्रिक्स बनाने की जरूरत है. वहीं पीएम मोदी ने आतंकवाद और टेरर फंडिंग से निपटने के लिए एकजुट होने की अपील की.;
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16वें ब्रिक्स सम्मलेन में शामिल होने के लिए रूस के कज़ान शहर में हैं. वहां उन्होंने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की. संबोधन के दौरान दोनों के बीच दोस्ती की अनूठी मिसाल देखने को मिली.
विदेश मंत्रालय के अनुसार, आज पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात होने वाली है. पीएम मोदी और शी जिनपिंग कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान एक द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे. यहां पीएम मोदी ने सम्मेलन को संबोधित किया. आइए जानते हैं कि BRICS सम्मलेन में पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने ब्रिक्स सम्मलेन को किया संबोधित
पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिक्स के सदस्य के रूप में भारत नए देशों का स्वागत करने के लिए तैयार है. इस संबंध में सभी निर्णय सर्वसम्मति से किए जाने चाहिए और इसके संस्थापक सदस्यों की भी राय होनी चाहिए. ब्रिक्स का सम्मान किया जाना चाहिए, जोहान्सबर्ग शिखर सम्मेलन में हमने जिन मार्गदर्शक सिद्धांतों, मानकों, मानदंडों और प्रक्रियाओं को अपनाया, उनका सभी सदस्य और भागीदार देशों को पालन करना चाहिए.
हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैसे वैश्विक संस्थानों में सुधार के लिए समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ना चाहिए. ब्रिक्स के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि इस संगठन की छवि ऐसी न हो कि हम वैश्विक संस्थाओं में सुधार नहीं बल्कि उनकी जगह लेना चाहते हैं. हमारी बैठक एक ऐसे समय में हो रही है जब विश्व युद्धों, संघर्षों, आर्थिक अनिश्चितता, क्लाइमेट चेंज और आतंकवाद जैसी कई चुनौतियों से घिरा हुआ है.
ब्रिक्स समिट के लिए पुतिन को दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए मैं राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बधाई देता हूं और इससे जुड़े नए साथियों का एक फिर से स्वागत करता हूं. नए स्वरूप में ब्रिक्स विश्व की 40 फीसदी मानवता और 30 फीसदी अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करता है. पिछले लगभग 2 दशकों में ब्रिक्स ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं. मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में यह संगठन वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए और अधिक प्रभावी माध्यम बनकर उभरेगा.
60 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की है इकोनॉमी
पीएम मोदी ने कहा कि नए स्वरूप में ब्रिक्स 60 ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा की इकोनॉमी है. हमारे आर्थिक सहयोग को बढ़ाने में BRICS बिजनेस काउंसिल और ब्रिक्स वीमेंस बिजनेस अलायंस की बड़ी भूमिका रही है. इस साल ब्रिक्स में WTO रिफॉर्म्स, ट्रेड facilitation इन एग्रीकल्चर, Resilience सप्लाई चेन और ई कॉमर्स और स्पेशल इकॉनमी जोन को लेकर जो सहमति बनी है, उससे हमारे आर्थिक सहयोग को बल मिलेगा.
हम डायलॉग और डिप्लोमेसी के हैं समर्थक
पीएम ने कहा कि हम युद्ध नहीं, डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थन करते हैं. जिस तरह हमने मिलकर कोविड जैसी चुनौती को परास्त किया. उसी तरह हम भावी पीढ़ी के सुरक्षित, सशक्त और समृद्ध भविष्य के लिए नए अवसर पैदा करने में पूरी तरह सक्षम हैं. आतंकवाद और टेरर फंडिंग से निपटने के लिए हम सभी को एक मत हो कर दृढ़ता से सहयोग देना होगा. ऐसे गंभीर विषय पर दोहरे मापदंड के लिए कोई स्थान नहीं है. हमारे देशों के युवाओं में कट्टरता को रोकने के लिए हमें सक्रिय रूप से कदम उठाने चाहिए. उसी तरह साइबर सिक्योरिटी, सेफ और secure AI के लिए ग्लोबल नियमों के लिए काम करना चाहिए.
UPI पर दिलाया सबका ध्यान
हम ब्रिक्स देशों के बीच वित्तीय एकीकरण बढ़ाने के प्रयासों का स्वागत करते हैं. स्थानीय मुद्रा में व्यापार और सीमा पार आसान भुगतान से हमारा आर्थिक सहयोग मजबूत होगा. भारत द्वारा बनाया गया यूनिफाइड पेमेंट इंटरफ़ेस (UPI) भारत की एक बड़ी सफलता की कहानी है. इसे कई देशों में अपनाया गया है. पिछले साल हमने शेख मोहम्मद के साथ मिलकर इसे यूएई में भी लॉन्च किया था. इसमें अन्य देशों के साथ भी सहयोग किया जा सकता है.
क्लाइमेट चेंज पर दिलाया ध्यान
पीएम मोदी ने कहा कि क्लाइमेट चेंज हमारी साझी प्राथमिकता का विषय रहा है. रूस की अध्यक्षता में BRICS ओपन कार्बन पार्टनरशिप के लिए बनी सहमति का स्वागत करता है. भारत में भी ग्रीन ग्रोथ, क्लाइमेट रिजीलियंस इंफ्रास्ट्रक्चर औ ग्रीन ट्रांजिशन पर भी जोर दिया जा रहा है.
शी जिनपिंग का भाषण
- विश्व अशांत परिवर्तन के एक नये दौर में प्रवेश कर चुका है
- हमें एक शांतिपूर्ण ब्रिक्स का निर्माण करना होगा, सामान्य सुरक्षा का संरक्षक बनना होगा
- हमें वित्तीय और आर्थिक सहयोग गहरा करना चाहिए
- हमें वैश्विक दक्षिण देशों की प्रस्तुति और आवाज को बढ़ाने की जरूरत है
- गाजा और लेबनान संकट पर कहा कि हमें युद्ध विराम पर जोर देने की जरुरत है
- यूक्रेन संकट कहा कि हमें स्थिति को जल्द से जल्द कम करने के प्रयासों की जरुरत है
- चीन अगले पांच वर्षों में ब्रिक्स देशों में 10 विदेशी अध्ययन केंद्र स्थापित करेगा
- चीन ब्रिक्स देशों के साथ हरित उद्योग, स्वच्छ ऊर्जा और हरित खनिज सहयोग का विस्तार करने को इच्छुक है