बांग्लादेश में टेक्स्टबुक से बंगबंधु और शेख हसीना गायब, आजादी में भारत का रोल भी काटा
बांग्लादेश में स्कूली पाठ्यपुस्तकों में बड़े बदलाव किए गए हैं, जिनमें भारत की भूमिका को कम किया गया है और शेख मुजीबुर रहमान तथा शेख हसीना से जुड़ी सामग्रियों को हटा दिया गया है. 2024 के जुलाई क्रांति आंदोलन को प्रमुखता दी गई है. नई किताबों में अन्य नेताओं को अधिक महत्व मिला है, जबकि हसीना विरोधी आंदोलन को पाठ्यक्रम में जोड़ा गया है.;
बांग्लादेश ने स्कूली सिलेबस में चेंज किया है. अब उसने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारत की भूमिका को कम कर दिया है. साथ जी शेख मुजीबुर रहमान के योगदान को भी घटा दिया है. इन चेंज के पीछे सिर्फ और सिर्फ ये मकसद है कि भारत के नेतृत्व की भूमिका को कमतर दिखाया जाए. जबकि 1971 के युद्ध में भारतीय सेना और बांग्लादेशी स्वतंत्रता सेनानियों ने पाकिस्तान की सेना को हराकर एक नए राष्ट्र की स्थापना की थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, जिन्हें अगस्त 2024 में सत्ता से हटाया गया, उनसे जुड़े सभी फोटो और पाठ को स्कूली किताबों से पूरी तरह हटा दिया गया है. हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान से जुड़ी सामग्री या तो पूरी तरह हटा दी गई है या घटा दी गई है.
ये भी पढ़ें :Ukraine को NATO में No Entry, Donald Trump बोले बाइडेन प्रशासन की नीतियों से अलग है रुख
स्वतंत्रता संग्राम में भारत की भूमिका बनी हुई है, लेकिन इंदिरा गांधी और मुजीबुर रहमान की तस्वीरें हटा दी गई हैं. पाठ्यपुस्तकों के पिछले कवर पर हसीना का संदेश अब 2024 की जुलाई क्रांति के दौरान उनके खिलाफ बने ग्रैफिटी की तस्वीरों से बदल दिया गया है.
छापी गई 40 करोड़ से ज्यादा किताब
बांग्लादेश के शिक्षा मंत्रालय द्वारा गठित 57 से अधिक विशेषज्ञों की एक टीम ने प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर के 441 स्कूल पाठ्यपुस्तकों में परिवर्तन किया है. रिपोर्ट के अनुसार, इस शैक्षणिक सत्र के लिए 40 करोड़ से अधिक नई पुस्तकें छापी गई हैं. ये बदलाव शिक्षा क्षेत्र में उन सुधारों का हिस्सा हैं, जिन्हें अंतरिम सरकार ने 16 वर्षों तक सत्ता में रही अवामी लीग नेता शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद लागू किया. हसीना 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश से भागकर भारत में शरण ले चुकी हैं.
NCTB के अध्यक्ष ने क्या कहा?
NCTB के अध्यक्ष एकेएम रियाजुल हसन ने कहा, "जितना मुझे याद है, किताबों के पिछले कवर में मुजीबुर रहमान और इंदिरा गांधी की एक तस्वीर थी. लेकिन 2023-24 की सभी पुरानी किताबें निरस्त कर दी गई हैं, इसलिए वह अब वहां नहीं है. हालांकि, स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारत की भूमिका और मित्रो बाहीनी का योगदान यथावत रखा गया है."
मुजीब पर लिखी कई चीजों को हटाया
कक्षा 2 की बांग्ला किताब से 'सोनार छेले' शीर्षक से मुजीब पर लिखी गई गद्य रचना हटा दी गई है. जबकि कक्षा 3 की किताब में उनकी जीवनी को 'आमादेर चार नेता' (हमारे चार नेता) शीर्षक से बदल दिया गया है, जिसमें मोलाना भशानी, फजलुल हक और सुहरावर्दी को पहले और मुजीब को बाद में रखा गया है.
हसीना विरोधी आंदोलन भी हुआ शामिल
जहां एक ओर हसीना से संबंधित सभी पाठ्य सामग्री को हटा दिया गया है. वहीं, 2024 के जुलाई क्रांति पर नई सामग्री जोड़ी गई है. कक्षा 5 की 'आमार बांग्ला' किताब में अब 'अमरा तोमादेर भूलबो ना' (हम तुम्हें नहीं भूलेंगे) शीर्षक से एक निबंध जोड़ा गया है, जिसमें जुलाई 2024 आंदोलन के 'शहीदों' की जीवनी और तस्वीरें शामिल हैं. इसी तरह, कक्षा 8 की साहित्य पुस्तक में 'गण अभ्युथानर कथा' (जनता के विद्रोह की कहानी) शीर्षक से एक लेख जोड़ा गया है, जबकि कक्षा 8 की अंग्रेजी पुस्तक में 'बंगबंधु फॉर बांग्लादेश' शीर्षक के अध्याय को '2024 के विरोध प्रदर्शनों में महिलाओं की भूमिका' नामक नए अध्याय से बदल दिया गया है.