900 किलो बम बरसाकर नसरल्लाह के साम्राज्य का खात्मा, अमेरिका ने खुद किया खुलासा
Israel-Hezbollah War: हिजबुल्लाह को खत्म करने की कसम खा चुके इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू लेबनान को लगातार अपना निशाना बना रहे हैं. इस बीच खुलासा हुआ है कि हिजबुल्लाह के टॉप लीडर हसन नसरुल्लाह को मारने में इस्तेमाल किया गया बम अमेरिका में बनाया गया था.;
Israel-Hezbollah War: इजरायल लगातार लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमला कर रहा है. इस दौरान इजरायली सैनिक ने हिजबुल्लाह के टॉप लीडर हसन नसरुल्लाह समेत कई सैनिकों को मार गिराया. अब इसे लेकर अमेरिका खुद ही खुलासा कर रहा है कि हिजबुल्लाह को तबाह करने में जिस बम का इस्तेमाल किया गया है. उसे अमेरिका ने ही बनाया है. केली सीनेट सशस्त्र सेवा एयरलैंड उपसमिति के अध्यक्ष हैं.
अमेरिकी सीनेटर मार्क केली ने दावा किया कि इजरायल ने हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह को मारने के लिए एक अमेरिकी निर्मित हथियार और विशेष रूप से 900-किलोग्राम मार्क 84 सीरीज (2,000-lb (900-kg) बम का इस्तेमाल किया गया है. केली ने आगे कहा, 'हम निर्देशित युद्ध सामग्री और जेडीएएम (JDAMs) का और अधिक उपयोग करेंगे और हम उन हथियारों को प्रदान करना जारी रखते हैं.'
अमेरिका रहा है इजरायल का सबसे बड़ा हथियार सप्लायर
बता दें कि संयुक्त राज्य अमेरिका इजरायल का सबसे बड़ा हथियार सप्लायर रहा है. खासकर इजरायल-हमास युद्ध के शुरू होने के बाद से अमेरिका लगातार इजरायल को बड़े पैमाने पर हथियार मुहैया करा रहा है. हालांकि, व्हाइट हाउस की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि इजरायल ने उन्हें बेरूत में नसरल्लाह को मारने वाले हवाई हमले के बारे में कोई सूचना नहीं दी थी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन को भी इस बारे में बाद में जानकारी मिली.
हिजबुल्लाह के कई टॉप कमांडर का हुआ कत्लेआम
इजराइल ने पिछले एक सप्ताह में ही हिजबुल्लाह के खिलाफ अपनी करवाई तेज कर दी है, जिसमें हिजबुल्लाह के टॉप कमांडर हसन नसरल्लाह सहित सात शीर्ष कमांडरों की मौत हो गई. ये हमले इसलिए भी तेज हो गए हैं, जब हिजबुल्लाह ने गाजा में हमास के साथ मिलकर काम किया. इसके बाद दक्षिणी इजराइल पर हमास ने अचानक हमला किया था. इन प्रमुख सदस्यों की मौत संगठन के लिए एक बड़ी चुनौती मानी जा रही है.
हिजबुल्लाह के मारे गए कमांडों में से कई 1980 के दशक की शुरुआत में हिजबुल्लाह की स्थापना के समय से ही साथ थे. इन सभी को लेबनान की सैन्य और राजनीतिक में सबसे प्रभावशाली लोगों के तौर पर देखा जाता था. मारे गए लोगों में नबील कौक भी शामिल था, जो एक अनुभवी कमांडर था. वह 1980 के दशक में हिजबुल्लाह में शामिल हुआ था. उसे नसरल्लाह का होने वाला उत्तराधिकारी के तौर पर भी देखा जाता था.