'पूर्व भारतीय जासूस ने रची पन्नू की हत्या की साजिश', अमेरिका ने विकास यादव पर लगाया बड़ा आरोप
अमेरिका ने पूर्व भारतीय जासूस विकास यादव पर खालिस्तनाी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या का आरोप लगाया है.अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने विकास यादव पर पैसे देकर हत्या की कोशिश और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है, ये जानकारी न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से सामने आई है.;
Khalistani terrorist Pannun: भारत और कनाडा के बीच इन दिनों महायुद्ध छिड़ा हुआ है. कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिस ट्रूडो ने भारत में खालिस्तानी समर्थक निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था. अब इस जंग में अमेरिका की एंट्री हो गई है.
अमेरिका ने पूर्व भारतीय जासूस विकास यादव पर खालिस्तनाी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या का आरोप लगाया है. जिसमें कहा गया कि यादव पहले रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) से जुड़े हुए थे.
पन्नू की हत्या की प्लानिंग
अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने विकास यादव पर पैसे देकर हत्या की कोशिश और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है, ये जानकारी न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से सामने आई है. FBI डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे ने कहा कि FBI अमेरिका में रहने वालों के खिलाफ हिंसा या बदले के प्रयास को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा. उनका कहना है कि पन्नू की हत्या की साजिश कथित मई 2023 में की कई थी.
विदेशी लोगों की ली मदद
क्रिस्टोफर रे ने आरोप लगाते कहा कि उस समय कथित तौर पर भारतीय कर्मचारी रहे विकास यादव ने पन्नू की हत्या के लिए भारत और विदेशों में रह रहे लोगों की मदद की. उनका टारगेट पन्नू था, जो भारत में एक नामित आतंकी है, जो कि खालिस्तानी समर्थक है. रॉयटर्स के मुताबिक विकास यादव अभी भारत में ही है. पन्नू की हत्या के लिए भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को हायर करने का आरोप भी लगाया है. जिसके पिछले साल गिरफ्तार किया गया था.
निज्जर की हत्या के बाद बनाया प्लान
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि निखिल गुप्ता को लगा कि कनाडा में निज्जर की हत्या के बाद पन्नू को तुरंत मारने की जरूरत है. निखिल का मानना है कि निज्जर की हत्या के बाद पन्नू की को मारने के लिए इंतजार करने की कोई जरूरत नहीं है. आपको बता दें कि सिंतबर 2024 में अमेरिका की एक अदालत ने पन्नू मामले में भारत सरकार को समन जारी किया था. भारत ने इस समन को पूरी तरह से अनुचित बताया था. समन में भारत सरकार, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, पूर्व रॉ प्रमुख सामंत गोयल, विकास यादव और निखिल गुप्ता का नाम था. उनसे 21 दिनों में जवाब मांगा गया था.