अमेरिका ने 4 भारतीय कंपनियों को क्यों किया बैन? यूक्रेन-रूस युद्ध से है कनेक्शन
US sanctions 4 Indian firms: भारतीय कंपनियां उन लगभग 400 संस्थाओं और व्यक्तियों में शामिल थीं, जिन पर अमेरिका ने यूक्रेन में रूस के अवैध युद्ध को चलाने में सहायता करने के लिए प्रतिबंध लगाए थे. अमेरिका ने रूस की आर्कटिक एलएनजी 2 परियोजना का समर्थन करने वाली कई संस्थाओं पर भी कार्रवाई की, जिसका 60% स्वामित्व रूस के नोवाटेक के पास है.;
US sanctions 4 Indian firms: अमेरिका ने बुधवार को एक दर्जन से ज़्यादा देशों की लगभग 400 कंपनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगा दिए, जिनमें चार भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं. इन पर यूक्रेन-रूस युद्ध को बढ़ावा देने की आरोप है. हालांकि यह पहली बार नहीं है कि भारत को अमेरिकी प्रतिबंधों का निशाना बनाया गया है, लेकिन यह तीसरे देश के खिलाफ अब तक का सबसे ठोस कदम है.
अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान में कहा, 'संयुक्त राज्य अमेरिका आज रूस के अवैध युद्ध के अभियोजन को सक्षम करने के लिए लगभग 400 कंपनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगा रहा है. इस कार्रवाई में राज्य विभाग 120 से अधिक व्यक्तियों और कंपनियों पर प्रतिबंध लगा रहा है. समवर्ती रूप से ट्रेजरी विभाग 270 से अधिक व्यक्तियों और कंपनियों को नामित कर रहा है. वाणिज्य विभाग भी अपनी इकाई सूची में 40 संस्थाओं को जोड़ रहा है.'
अमेरिका ने कर चोरी का लगाया आरोप
विदेश विभाग के मुताबिक, यह कार्रवाई तीसरे देश के कर चोरी के खिलाफ अब तक की सबसे ठोस कार्रवाई थी. इसमें दर्जनों चीनी, हांगकांग और भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध शामिल हैं, जो अब तक एक पैकेज में इन देशों की सबसे अधिक कंपनियों पर लगाया गया प्रतिबंध है. इसके अलावा रूस, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की, थाईलैंड, मलेशिया, स्विटजरलैंड और अन्य स्थानों पर भी प्रतिबंध लगाए गए.
'अमेरिकी सरकार के खिलाफ जाने की सजा'
यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है, जब वाशिंगटन रूस के यूक्रेन पर 2022 में किए गए आक्रमण के बाद लगाए गए प्रतिबंधों से बचने की कोशिश कर रहा है, जिसके कारण हजारों लोग मारे गए या घायल हुए हैं तथा शहर मलबे में तब्दील हो गए हैं. एक अधिकारी ने कहा, 'इससे इन देशों की सरकारों और निजी क्षेत्रों को एक गंभीर संदेश जाना चाहिए कि अमेरिकी सरकार रूस के खिलाफ हमारे प्रतिबंधों की अनदेखी का मुकाबला करने और यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए रूस पर दबाव डालना जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है.'
चीन ने जताया विरोध
चीन के वाशिंगटन दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंगयु ने कहा कि बीजिंग अवैध और अनुचित एकतरफा प्रतिबंधों का विरोध करता है. लियू ने कहा, 'अमेरिका रूस के साथ चीन के सामान्य व्यापार के खिलाफ झूठे आरोप लगाता है, ठीक उसी तरह जैसे वह यूक्रेन को अभूतपूर्व सैन्य सहायता देना जारी रखता है. यह विशिष्ट दोहरा मापदंड है, और अत्यंत पाखंडपूर्ण और गैर जिम्मेदाराना है.'