AI Disaster: AI बनेगा हजारों लोगों की मौत का कारण! लाखों करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा हेल्थ एक्सपेंस
AI Disaster: एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तेजी से बढ़ने से हजारों लोगों की मौत होगी. 2030 तक इस प्रदूषण के कारण अमेरिका में हर साल 1,300 असामयिक मौतें हो सकती हैं तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य पर लगभग 1.7 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा.;
AI Disaster: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिर्फ लोगों की जिंदगी आसान नहीं बनाएगा, बल्कि लोगों की जिंदगी तबाह भी करेगा. प्रोफेशनल क्षेत्रों में AI के तेजी से बढ़ने के साथ इसके गैजेट्स की मांग भी बढ़ी है. टेक्नोलॉजी में यह क्रांति निश्चित रूप से बहुत अधिक प्रगति के साथ जीवन को आसान बना देगी, लेकिन इसका लोगों की जिंदगी पर गहरा असर पड़ने वाला है.
AI गैजेट्स के लिए पावर प्लांट और डीजल बैकअप जनरेटर की वजह से वायु प्रदूषण में खासा वृद्धि हो रही है. ये बेहद चिंता का विषय है, जो डेटा केंद्रों और कंप्यूटर प्रोसेसिंग सेंटर के बढ़ते नेटवर्क के लिए 24 घंटे बिजली आपूर्ति बनाए रखने के लिए एक आवश्यकता है. ये सुविधाएं AI ऑपरेशन के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन वायु प्रदूषण के स्तर में तेजी से योगदान करती हैं.
खतरे में अमेरिका समेत दुनिया भर की आबादी
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के मुताबिक, इस वायु प्रदूषण के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका में 2030 तक हर साल 1,300 से अधिक लोगों की समय से पहले मौत होने की आशंका है. इससे कैंसर, अस्थमा, अन्य बीमारियों की वजह से स्वास्थ्य पर खर्च 1.7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी.
ये सिर्फ अमेरिका के लिए नहीं बल्कि बढ़ते भारत और अन्य देशों के लिए भी खतरा है, यानी कि ये पूरी दुनिया के लिए एक खतरा है. इससे कार्बन उत्सर्जन की मात्रा में काफी तेजी आएगी, जो मानव जीवन को या खत्म या फिर बीमारी में जीने के लिए मजबूर कर देगा और ये प्रदूषक पहले से ही सार्वजनिक स्वास्थ्य पर बोझ डाल रहे हैं. आने वाले समय में इसका प्रभाव बड़े पैमाने पर हो सकता है.
वायु प्रदूषण की रिपोर्ट है जरूरी
कैलटेक के प्रोफेसर और कंप्यूटर वैज्ञानिक एडम विएरमैन सहित लेखकों ने सिफारिश की है कि ऐसे मानक और तरीके अपनाए जाएं, जिनके तहत प्रौद्योगिकी कंपनियों को अपनी बिजली खपत और बैकअप जनरेटरों के कारण होने वाले वायु प्रदूषण की रिपोर्ट देनी होगी.
दुनिया भर में इसके मानक तय होने से लोगों के स्वास्थ्य पर इसका असर कम होने की उम्मीद है. उन्होंने आगे यह भी सिफारिश की है कि डाटा प्रोसेसिंग केन्द्रों के बिजली उत्पादन से होने वाले वायु प्रदूषण से सबसे अधिक प्रभावित समुदायों को स्वास्थ्य संबंधी बोझ के लिए प्रौद्योगिकी कम्पनियों की ओर से उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए.
कहीं आंशिक तो कहीं व्यापक पड़ता है प्रभाव
AI से होने वाला वायु प्रदूषण कुछ कम आय वाले समुदायों को असमान रूप से प्रभावित करता है, आंशिक रूप से इसलिए क्योंकि वे पावर प्लांट या डेटा प्रोसेसिंग सेंटर पर बैकअप जनरेटर के बहुत करीब हैं. इसके अलावा प्रदूषण काउंटी और राज्य की सीमाओं के पार फैल जाता है, जिससे दूर-दूर तक के समुदायों पर स्वास्थ्य संबंधी प्रभाव पड़ता है.