हो गया सीजफायर! कतर की पहल पर पाकिस्तान-अफगानिस्तान ने थामा शांति का हाथ, सीमा पर बंद हुई गोलियों की गूंज

कतर की राजधानी दोहा में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच चल रहे सीमा संघर्ष को समाप्त करने के लिए हुई ऐतिहासिक वार्ता में दोनों देशों ने युद्धविराम पर सहमति जताई है. तुर्की की मध्यस्थता में आयोजित इस बैठक में रक्षा मंत्रियों ने सीमा पार आतंकवाद, सैन्य हमले और डूरंड लाइन पर बढ़ते तनाव जैसे मुद्दों पर चर्चा की. वार्ता के पहले चरण में दोनों पक्षों ने संयम बरतने और शांति बनाए रखने का वादा किया है. यह संवाद दक्षिण एशिया की अस्थिर सीमाओं पर स्थायी शांति की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है.;

( Image Source:  X/MofaQatar_EN )
Edited By :  नवनीत कुमार
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पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पिछले एक हफ्ते से चल रहे भीषण सीमा संघर्ष के बीच आखिरकार कतर की राजधानी दोहा में युद्धविराम पर सहमति बन गई है. कतर के विदेश मंत्रालय ने शनिवार देर रात इसकी घोषणा की. यह वार्ता तुर्की की मध्यस्थता में हुई, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच जारी हिंसा को खत्म करना और सीमावर्ती इलाकों में शांति बहाल करना था.

2021 में काबुल में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से यह दोनों पड़ोसी देशों के बीच सबसे गंभीर संघर्ष था. दर्जनों लोगों की मौत और सैकड़ों के घायल होने के बाद अंतरराष्ट्रीय दबाव में आई दोनों सरकारों को बातचीत की मेज पर लौटना पड़ा. अफगानिस्तान की ओर से रक्षा मंत्री मुल्ला मुहम्मद याकूब और पाकिस्तान की ओर से रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अपने-अपने प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया.

सीमा पार आतंकवाद बना बड़ी चिंता

पाकिस्तान ने बैठक में जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल सीमा पार आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए. इस्लामाबाद का कहना है कि अफगान क्षेत्र से आए आतंकी लगातार पाकिस्तान की सुरक्षा चौकियों पर हमले कर रहे हैं. वहीं, तालिबान सरकार ने आतंकवादियों को पनाह देने के आरोपों को सिरे से नकार दिया और उल्टा पाकिस्तान पर इस्लामिक स्टेट से जुड़े गुटों को समर्थन देने का आरोप लगाया.

तालिबान का पलटवार और कड़ा रुख

तालिबान प्रतिनिधियों ने बैठक में कहा कि पाकिस्तान की ओर से की जा रही हवाई कार्रवाइयां अफगानिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन हैं. उन्होंने साफ किया कि ‘हम अपने देश की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन हमें शांति चाहिए.’ अफगानिस्तान ने पाकिस्तान से सीमा पार कार्रवाई रोकने और अफगान नागरिकों को निशाना न बनाने की मांग की.

पहला दौर सकारात्मक माहौल में खत्म

कतर की मेजबानी में हुई यह वार्ता चार घंटे तक चली. सूत्रों के मुताबिक, बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई और दोनों पक्ष रविवार को दूसरे दौर की वार्ता करने पर सहमत हुए. दोनों प्रतिनिधिमंडल फिलहाल दोहा में ही ठहरे हुए हैं. कतर ने दोनों देशों से संयम बरतने और हिंसा से बचने का आग्रह किया है.

वार्ता में रखी गईं शर्तें

पाकिस्तान ने वार्ता के दौरान सीमित संघर्षविराम को आगे बढ़ाने और अपनी सैन्य आवाजाही के लिए ‘सेफ कॉरिडोर’ की मांग रखी. वहीं तालिबान ने पाकिस्तान से तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के लड़ाकों को उनके हवाले करने की बात कही. यह भी चर्चा हुई कि भविष्य में सीमा विवादों को हल करने के लिए एक संयुक्त निगरानी तंत्र बनाया जाएगा.

डूरंड लाइन पर फिर तनाव

वार्ता से पहले डूरंड लाइन पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच भीषण झड़प हुई थी, जिसमें कई सैनिक मारे गए. शुक्रवार को 48 घंटे का युद्धविराम खत्म होने के बाद पाकिस्तान ने हवाई हमले किए, जिससे स्थिति और बिगड़ गई. अफगानिस्तान ने इसे ‘संप्रभुता पर हमला’ बताया और संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप की मांग की.

स्थायी शांति की दिशा में पहला कदम

रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि दोहा में हुई यह वार्ता दक्षिण एशिया की सबसे अस्थिर सीमाओं में से एक पर शांति बहाल करने की दिशा में अहम शुरुआत है. पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने हाल ही में कहा था, “तालिबान को हिंसा की जगह स्थायी शांति को प्राथमिकता देनी होगी.” अगर यह संवाद आगे बढ़ा तो यह पाकिस्तान-अफगान रिश्तों में नए अध्याय की शुरुआत साबित हो सकता है.

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