वैज्ञानिकों को कहां से मिला 200 साल पुराना कंडोम? भेड़ की आंत से बना, अब सबको बुलाकर कराया जा रहा दर्शन!

नीदरलैंड्स के राष्ट्रीय संग्रहालय राइज्क्सम्यूजियम ने हाल ही में अपने गैलरी में जगह दी है एक 200 साल पुराने कंडोम को और ये कोई आम कंडोम नहीं, बल्की ऐसा पीस है जिसे देखकर हर कोई सरमा जैसै और सवाल करने लगे.;

By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 6 Jun 2025 12:16 AM IST

Ajab Gajab News: दुनिया हैरान है, और ठीक ही है... क्योंकि जिस चीज़ को लोग छुपाते हैं, अब वो म्यूजियम में सबसे चमकदार शो-पीस बना बैठा है. जी हां, नीदरलैंड्स के राष्ट्रीय संग्रहालय राइज्क्सम्यूजियम ने हाल ही में अपने गैलरी में जगह दी है एक 200 साल पुराने कंडोम को और ये कोई आम कंडोम नहीं, बल्की ऐसा पीस है जिसे देखकर हर कोई सरमा जैसै और सवाल करने लगे.

कंडोम नहीं, कामुक कलाकृति है ये!

इस प्राचीन 'प्रोफिलैक्टिक' पर बनी है एक अधनंगी नन जो तीन पुजारियों के 'उत्साहित प्रतीकों' की तरफ मुस्कुरा कर इशारा कर रही है, साथ ही लिखा है – 'Voila, mon choix' यानी “लो भइया, यही है मेरी पसंद!' अब इसे चाहें तो आप धार्मिक व्यंग्य कहें या सेक्सुअल क्रांति की शुरुआत, लेकिन इतना पक्का है कि ये कंडोम आज के OnlyFans से कहीं ज्यादा बोल्ड है.

रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट से डायरेक्ट म्यूजियम!

1830 के आस-पास बने इस कंडोम को वैज्ञानिक मानते हैं एक हाई-क्लास फ्रेंच कोठे की लग्ज़री 'स्मृति', जिसे बनाया गया था भेड़ की आंत से- जी हां, आप सही पढ़ रहे हैं. रबड़ का जमाना अभी आया नहीं था, लेकिन कामुकता का जलवा पहले से ही हाईफाई था.

म्यूजियम की जांच में हुआ खुलासा-

20 सेमी लंबा है ये कलात्मक कंडोम, UV लाइट से पता चला कि इसका कभी 'प्रयोग' नहीं हुआ, 1000 यूरो में नवंबर 2022 में खरीदा गया एक नीलामी में, अब है "सेफ सेक्स?" नाम की प्रदर्शनी का हीरो.

चर्च में ‘पाप’, म्यूजियम में ‘गौरव’!

जब ये बना था, तब चर्च कंडोम को 'नरक का रास्ता' मानता था. मगर क्या करें... समय बदलता है, और अब वही कंडोम बन चुका है इतिहास का चमकता सितारा. सिर्फ सिफलिस से बचाने के लिए नहीं, बल्कि कला और संस्कृति की चटपटी परंपरा को दिखाने के लिए भी ये पीस अब खजाने की तरह रखा गया है. और अगर आप सोचते हैं कि म्यूजियम बोरिंग होते हैं, तो जनाब ये प्रदर्शनी आपकी सोच हिला देगी!

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