'हलाला के नाम पर औरतों की ज़िंदगी से खेला जाता है' - शबनम खान का बड़ा खुलासा
हलाला, ट्रिपल तलाक, लव जिहाद और पर्दा प्रथा पर खुलकर बोलते हुए शबनम खान ने कहा कि हलाला कोई धार्मिक अनिवार्यता नहीं, बल्कि औरतों पर थोपे गए एक क्रूर और अपमानजनक नियम की तरह इस्तेमाल किया जाता है. शबनम खान के मुताबिक, हलाला के नाम पर महिलाओं के साथ मानसिक, सामाजिक और कभी-कभी शारीरिक शोषण तक होता है, लेकिन समाज में डर और शर्म की वजह से वे खुलकर आवाज नहीं उठा पातीं. उन्होंने कहा कि “कुरान में कहीं भी यह नहीं लिखा कि तलाक के बाद महिला को दोबारा शौहर से निकाह करने के लिए पहले किसी और से शादी कर शारीरिक संबंध बनाना ज़रूरी है. यह समाज की बनाई हुई परंपरा है, मज़हब नहीं.” शबनम खान से विशेष बातचीत की स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर-क्राइम इन्वेस्टीगेशन, संजीव चौहान ने.