बीते तीन-चार महीने से भारत में सोने और चांदी के आसमान छूते भाव ने खरीददार के अंदर हलचल मचा रखी है. किसी की कुछ समझ नहीं आ रहा है. सब अपने अपने हिसाब से सोच समझ कर आगे बढ़ रहे हैं. इस उहापोह के बीच अब जैसे ही डॉलर के मुकाबले रुपया फिर कमजोर हुआ. तो भारतीय बाजार और अर्थशास्त्री फिर चिंता में डूब गए. आखिर यह सब क्यों और कैसे? इन्हीं तमाम सवालों के माकूल जवाब के लिए स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर इनवेस्टीगेशन संजीव चौहान ने 5 दिसंबर 2025 को एक्सक्लूसिव बात की, भारत के मशहूर अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्री डॉ. शरद कोहली से. डॉ. कोहली ने जो कुछ कहा उसे सुनकर बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों की भी आंखें खुली रह जाएंगी. उन्होंने न केवल भारतीय रुपए की कमजोरी पर बात की. अपितु रुस-भारत के बीच बढ़ते मधुर संबंधों के चलते भारत के निकट भविष्य में बदल जाने वाले ‘अर्थशास्त्र’ का गुणा-गणित भी समझाया.