हिजाब से जुड़े वीडियो को जिस तरह राजनीतिक रंग दिया जा रहा है, उसने एक नई बहस को जन्म दे दिया है. इस मुद्दे पर स्टेट मिरर हिंदी ने मुस्लिम महिला और मुस्लिम स्कॉलर से सीधे बातचीत की, जहां हिजाब को मजहबी फ़र्ज़, व्यक्तिगत आज़ादी और संवैधानिक अधिकार के तौर पर देखा गया. वहीं दूसरी ओर यह सवाल भी उठा कि क्या हिजाब को पहचान की राजनीति का हथियार बनाया जा रहा है. बातचीत में यह भी सामने आया कि कैसे कुछ मामलों में सामाजिक और धार्मिक दबाव महिलाओं की पसंद को प्रभावित करता है. यह चर्चा हिजाब, आस्था और राजनीति के टकराव को समझने की कोशिश है.