तीर्थराज प्रयाग, ये आपने भी जरूर सुना होगा. लेकिन क्या आप जातने हैं कि प्रयागराज को तीर्थों का राजा क्यों कहा जाता है? प्रयाग क्षेत्र को त्रिवेणी नाम से भी जाना जाता है, यह नाम बताता है कि यहां तीन नदियों का संगम है. प्रयागराज में आयोजित होने वाले कुंभ का भी अपना ही महत्व होता है. यहां श्रद्धालुओं की भीड़ भी ज्यादा जुटती है. पुराणों में कहा गया है कि पृथ्वी पर सबसे पहले यज्ञ प्रयागराज में ही किया गया था. इसी प्रथम यज्ञ के प्र और याग अर्थात यज्ञ से मिलकर प्रयाग बना और उस स्थान का नाम प्रयाग पड़ा जहां भगवान श्री ब्रह्मा जी ने सृष्टि का सबसे पहला यज्ञ किया था.