प्रयागराज में संगम पर महाकुंभ जारी है और श्रद्धालुओं का आना भी बदस्तूर जारी है. त्रिवेणी यानी गंगा, जमुना और सरस्वती नदियों का संगम, लेकिन यहां गंगा और यमुना तो नजर आती हैं, लेकिन सरस्वती नदी नजर नहीं आती. सरस्वती नदी का अस्तित्व आज भी रहस्य बना हुआ है. सरस्वती नदी का वर्णन प्राचीन वेदों और पुराणों में भी मिलता है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो सरस्वती नदी के प्रमाण आज भी भूवैज्ञानिक और पुरातात्त्विक खोजों का विषय हैं. माना जाता है कि यह नदी राजस्थान और हरियाणा के क्षेत्रों से होकर बहती थी. तो आखिर क्या है कहानी सरस्वती नदी की.