हुकूमत जनता बदलती है, मुल्ला नहीं - कांग्रेस, मुस्लिम नेतृत्व और वोट बैंक पर शबनम खान का करारा वार
शबनम खान ने स्टेट मिरर हिंदी से खास बातचीत में मुस्लिम नेतृत्व, धर्मगुरुओं, कांग्रेस की राजनीति और वोट बैंक संस्कृति पर तीखे सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि दशकों से मुसलमानों के नाम पर राजनीति होती रही, लेकिन जमीनी स्तर पर आम मुस्लिम की तरक्की नहीं हो पाई. शबनम खान ने पूछा कि जब वर्षों तक राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिला, तब शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सशक्तिकरण क्यों नहीं आया. उन्होंने आरोप लगाया कि धर्म और सुरक्षा के नाम पर डर का नैरेटिव गढ़ा गया, जिससे आम मुसलमान को आगे बढ़ने के बजाय आशंकाओं में उलझाए रखा गया. उनका कहना है कि कुछ धार्मिक नेता और राजनीतिक दल मिलकर मुसलमानों को एक स्थायी वोट बैंक में बदलते रहे, जबकि असली मुद्दों - जैसे आधुनिक शिक्षा, आर्थिक अवसर और समान नागरिक अधिकार - पर कभी गंभीरता से काम नहीं हुआ. उनसे बात की स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर-क्राइम इन्वेस्टीगेशन, संजीव चौहान ने.