19 साल पुराने निठारी कांड में सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि जब समान सबूतों पर 12 मामलों में उसे बरी किया गया, तो एक केस में सजा बरकरार रखना अनुचित है. फैसले के बाद निठारी के लोग सदमे में हैं - वे कहते हैं, “हवेली का डर अब भी जिंदा है.” बच्चों की चीखें और बरामद हड्डियों की यादें फिर ताज़ा हो उठीं. साल 2006 में सामने आया ये मामला देश की सबसे भयावह घटनाओं में से एक था, जिसने इंसानियत को हिला दिया था. अब सवाल एक बार फिर वही है - क्या न्याय सच में हो गया, या निठारी की आत्माएं अब भी जवाब मांग रही हैं?