बांग्लादेश की एक विशेष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को फांसी की सजा सुनाई है. यह फैसला पहले से ही अनुमानित था, क्योंकि मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार लगातार हसीना और उनकी पार्टी अवामी लीग के खिलाफ कड़ा रुख अपनाती रही है. चुनाव लड़ने पर पहले ही अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाया जा चुका था. ऐसे में सजा ने हसीना की राजनीतिक वापसी के रास्ते लगभग बंद कर दिए हैं. इस ऐतिहासिक फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील डॉ. ए.पी. सिंह ने कहा कि यह फैसला सिर्फ बांग्लादेश के लिए ही नहीं, दक्षिण एशिया की राजनीति के लिए भी एक बड़ा मोड़ है. उनके अनुसार, अदालत का यह कदम दिखाता है कि कोई भी नेता कानून से ऊपर नहीं है, चाहे वह कितने भी शक्तिशाली पद पर क्यों न रहा हो.