बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक कार्यक्रम के दौरान एक महिला उम्मीदवार के चेहरे की पहचान को लेकर हुई कार्रवाई के बाद देशभर में सियासी और सामाजिक बहस तेज हो गई. इस घटना को लेकर कुछ संगठनों और धार्मिक नेताओं ने आपत्ति जताई, वहीं विवाद के बढ़ने के बीच संबंधित महिला ने नौकरी के अवसर को स्वीकार न करने का फैसला किया. यह मामला अब व्यक्तिगत गरिमा, धार्मिक आस्था, पहचान की प्रक्रिया और प्रशासनिक संवेदनशीलता जैसे मुद्दों से जुड़कर व्यापक चर्चा का विषय बन गया है. इसी बीच, उत्तर प्रदेश के शामली जिले से सामने आई एक तीहरे हत्याकांड की घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया. आरोप है कि घरेलू विवाद के चलते एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और दो नाबालिग बेटियों की हत्या कर दी. यह घटना महिला सुरक्षा, घरेलू हिंसा और सामाजिक जिम्मेदारी जैसे गंभीर सवाल खड़े करती है. हालांकि, इस मामले पर सार्वजनिक बहस अपेक्षाकृत सीमित रही, जिसे लेकर भी अलग-अलग तबकों में असंतोष देखने को मिला. इन दोनों घटनाओं के सामाजिक और राजनीतिक निहितार्थों पर 18 दिसंबर 2025 को स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर (क्राइम इन्वेस्टिगेशन) संजीव चौहान ने देश की जानी-मानी सामाजिक और राजनीतिक आवाज़ शबनम खान से विशेष बातचीत की. चर्चा के दौरान शबनम खान ने महिला सम्मान, कानून का समान अनुप्रयोग, धार्मिक स्वतंत्रता और सामाजिक जवाबदेही जैसे मुद्दों पर अपनी स्पष्ट राय रखी.