टाटा समूह (Tata Group) इस समय एक बड़े आंतरिक विवाद का सामना कर रहा है. रतन टाटा (Ratan Tata) के बाद टाटा ट्रस्ट्स (Tata Trust) के भीतर सत्ता संतुलन को लेकर मतभेद उभर कर सामने आए हैं. खासतौर पर टाटा संस (Tata Sons) के बोर्ड में नॉमिनी डायरेक्टर (Nominee Director) की नियुक्ति और उनकी पुनर्नियुक्ति को लेकर खींचतान बढ़ गई है, जिसकी वजह से अब केंद्र सरकार (Indian Government) को भी दखल देना पड़ा. अक्टूबर 2024 में रतन टाटा के बाद नोएल टाटा (Noel Tata) को टाटा ट्रस्ट्स का चेयरमैन नियुक्त किया गया था. इसी दौरान एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया गया था कि टाटा संस बोर्ड में ट्रस्ट्स के नॉमिनी डायरेक्टर्स की नियुक्ति हर साल दोबारा की जाएगी, ताकि उनके काम में जवाबदेही बनी रहे.