'दिल जलता है तो जलने दो से लेकर आवारा हूं, Mukesh Kumar के इन गानों में मिल जाते हैं हर दिल! Video

Mukesh Kumar: From a Wedding Singer to the Soulful Voice of Bollywood | Untold Story | Golden Era |
Edited By :  सागर द्विवेदी
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मुक़ेश कुमार का जीवन किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं था. साल 1939 में, दिल्ली में अपनी बहन की शादी में जब 16 साल का एक किशोर दरवाजे के पीछे छिपकर गा रहा था, तब उसे अंदाज़ा भी नहीं था कि उसकी किस्मत बदलने वाली है. उस समारोह में मौजूद थे मशहूर अभिनेता मोतीलाल, जिन्होंने उसकी आवाज़ सुनकर उसे 1941 में मुंबई ले गए और मुक़ेश के लिए संगीत की दुनिया के दरवाज़े खोल दिए. 1945 में फिल्म पहली नज़र का गीत 'दिल जलता है तो जलने दो' सुपरहिट हुआ और मुक़ेश रातों-रात “जज़्बात की आवाज़” बन गए. 1950 के दशक में उनकी और राज कपूर की जोड़ी ने इतिहास रच दिया. “आवारा हूँ” और “मेरा जूता है जापानी” जैसे गीत आज भी सिनेमा प्रेमियों की धड़कनों में बसते हैं.


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