13 जनवरी से प्रयागाज में चल रहे महाकुंभ में अब तक करीब 9 करोड़ लोग श्रद्धा की डुबकी लगा चुके हैं. तमाम अखाड़े भी इसमें शिरकत कर रहे हैं. अखाड़ों को लेकर लोगों के मन में हमेशा ही कई सवाल होते हैं, लेकिन एक अखाड़ा ऐसा भी है जिसे न तो देखा जा सकता है और न ही छुआ जा सकता है. यह अखाड़ा बाकी सभी साधु-संतों के अखाड़ों से बिल्कुल अलग है. जी हां, बात हो रही है आकाश अखाड़े की.