जिएं तो जिएं कैसे दिल्ली-NCR में? हर सांस के साथ बढ़ता खतरा; एक्‍सपर्ट ने बताए बचने के तरीके

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Edited By :  प्रवीण सिंह
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दिल्ली-एनसीआर में सुबह की शुरुआत अब सूरज की रोशनी से नहीं, बल्कि जहरीली धुंध से होती है. आंख खुलते ही सामने धूप नहीं, बल्कि आसमान में फैला ज़हर दिखाई देता है. हवा में घुला स्मॉग इतना घना है कि एक गहरी सांस लेना भी जोखिम भरा महसूस होता है. चारों ओर धुएं की मोटी परत मानो पूरे शहर को अपनी गिरफ्त में ले चुकी हो, जहां हर सांस के साथ फेफड़ों में खतरा उतरता जा रहा है. अब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी AQI सिर्फ चेतावनी नहीं रहा, बल्कि यह एक साफ़ खतरे का संकेत बन चुका है. यह स्थिति खासतौर पर बच्चों, बुज़ुर्गों, गर्भवती महिलाओं और पहले से बीमार लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य आपातकाल जैसी है. इन्हीं चिंताजनक हालात को लेकर स्‍टेट मिरर हिंदी ने सीनियर डॉक्टर डॉ. सुधीर कुमार गुप्ता से विशेष बातचीत की. इस इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि प्रदूषण शरीर को कैसे नुकसान पहुंचाता है, किन लोगों को सबसे ज़्यादा सावधानी बरतनी चाहिए और जहरीली हवा से खुद को सुरक्षित रखने के लिए किन उपायों को अपनाना ज़रूरी है.


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