मोस्ट वॉन्टेड से पूर्व सांसद तक: धनंजय सिंह और यूपी क्राइम-पॉलिटिक्स का 'धाकड़' सच
अक्सर कहा जाता है कि जब पुलिस और अपराधी आमने-सामने होते हैं, तो गोलियां सवाल नहीं पूछतीं. एनकाउंटर की कहानी लगभग हमेशा एक जैसी होती है - सरकारी हथियारों से निकली गोलियां चलती हैं और अपराधी मारा जाता है, जबकि पुलिस को खरोंच तक नहीं आती. लेकिन उत्तर प्रदेश की राजनीति और अपराध की दुनिया में एक नाम ऐसा भी रहा, जिसने इस तयशुदा कहानी को बार-बार झुठलाया. धाकड़ की इस खास कड़ी में, स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर (क्राइम) संजीव चौहान उस शख्स की पूरी दास्तान खोल रहे हैं, जिसके सामने पुलिस की बंदूकें भी बेअसर नजर आईं. वह नाम, जिसे कभी 50 हजार रुपये का मोस्ट वॉन्टेड इनामी घोषित किया गया, जिस पर एनकाउंटर में मारे जाने की अफवाहें तक उड़ाई गईं, लेकिन हकीकत में वह हर बार सिस्टम से आगे निकलता रहा.