योगी राज में गड़बड़ असंभव, फिर भी अखलाक लिंचिंग में असल कातिल तलाशना मुश्किल!

Bisahada Akhlaq Lynching Case | Greater Noida | Court Continues Trial | Exclusive Interview
Edited By :  प्रवीण सिंह
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करीब एक दशक पहले 28 सितंबर 2015 की रात को हुए बिसाहड़ा मोहम्मद अखलाक लिंचिंग कांड ने एक बार फिर सुर्खियां पकड़ ली हैं. इस बार वजह यह है कि मामले के आरोपियों ने लगभग 10 साल बाद मुकदमे को खत्म करने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. हालांकि संबंधित अदालत ने बचाव पक्ष की इस याचिका को कानूनी रूप से कमजोर बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया और ट्रायल को आगे जारी रखने का आदेश दे दिया.
दिल्ली से सटे यूपी के हाईटेक इलाके ग्रेटर नोएडा के दादरी स्थित बिसाहड़ा गांव में यह सनसनीखेज वारदात अंजाम दी गई थी. आरोप है कि भीड़ ने रात के वक्त अखलाक को उसके घर से घसीटकर बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला था. भीड़ का दावा था कि अखलाक और उसके परिवार ने चोरी हुए गाय के बछड़े को मारकर उसका मांस खाया था. इसी बेहद उलझे हुए मुद्दे पर स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर क्राइम इनवेस्टीगेशन संजीव चौहान ने 24 दिसंबर 2025 को तमाम कानूनी पहलुओं पर एक्सक्लूसिव बात की, निर्भया हत्याकांड के मुजरिमों के पैरोकार और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ क्रिमिनल लॉयर डॉ. ए पी सिंह से.


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