सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) की असिस्टेंट डायरेक्टर अनुमिता रॉय ने चेतावनी दी है कि दिल्ली की हवा अब भी बेहद खतरनाक स्तर पर बनी हुई है. उन्होंने बताया कि करीब 60% प्रदूषण बाहरी राज्यों से आ रहा है, जबकि 30–40% प्रदूषण स्थानीय स्रोतों से पैदा हो रहा है, जिसमें सबसे बड़ा योगदान वाहनों के उत्सर्जन का है. सरकार की कोशिशों के बावजूद ज़मीनी स्तर पर जवाबदेही और सख्त कार्रवाई की भारी कमी है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर तुरंत ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो दिल्ली की हवा और ज़्यादा जानलेवा होती जाएगी.