चौदहवीं का चांद... शकील बदायूंनी की वो महफ़िल, जहां एक मिसरे पर उठ गया सवाल | Video

Phir Wo Kahani Yaad Aayee : उर्दू शायरी के बादशाह, फिल्मी नग़मों की रूह Shakil Badayuni |

बदायूं की मिट्टी से निकले उस शायर की कहानी, जिसने लफ़्ज़ों को रूह दी. लेकिन एक दिन, एक मुशायरे में सब बदल गया. एक 'तुम' शब्द ने उनकी शायरी पर सवाल खड़ा कर दिया. नातिक गुलाम जैसे बड़े शायर के सामने शकील को मिली ताना, और फिर जो हुआ उसने हिंदी सिनेमा की शायरी को एक नया मोड़ दिया. जानिए शकील बदायूंनी की वो भूली नहीं जाने वाली महफ़िल और 'चौदहवीं का चांद' के पीछे छुपी दिलचस्प कहानी.


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