आचार्य चाणक्य के अनुसार, एक बुद्धिमान व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि कब और कहां बोलना है. गलत समय पर बोले गए शब्द न केवल छवि खराब कर सकते हैं, बल्कि यह खतरनाक भी साबित हो सकते हैं. गुस्से में कही गई बातें रिश्तों और करियर दोनों को नुकसान पहुंचा सकती हैं. इसलिए, जुबान पर नियंत्रण रखना सफलता की कुंजी है.