क्‍या जोड़ने की बात करने वाला मुसलमान नहीं हो सकता? मोहम्मद फ़ैज़ खान का सीधा सवाल

Mohammad Faiz Khan | Hindu Muslim Unity | Religion vs Politics | Makka Madina | PM Modi | Yogi
Edited By :  प्रवीण सिंह
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आज देश और इसकी राजनीति हिंदू-मुस्लिम दो कंधों पर टिकी हुई है. इन दोनों समुदायों के बिना जैसे समाज का अस्तित्व ही अधूरा लगता है. एक ओर मुसलमानों पर वोट बैंक की राजनीति और गौ-कुशी जैसे ठप्पे लगाए जाते हैं, और किसी भी बम धमाके या आतंकी वारदात के बाद पहला शक उसी समुदाय पर किया जाता है. लेकिन इसी माहौल में एक ऐसा सच्चा मुसलमान मौजूद है - मोहम्मद फ़ैज़ अली खान. एक ऐसा इंसान, जो अल्लाह और महादेव में कोई भेद नहीं देखता, जिसने अपनी पूरी ज़िंदगी गायों की सेवा और संरक्षण को समर्पित कर दी, जो गीता और रामायण की चौपाइयां उतनी ही सहजता से सुनाते हैं जितनी आसानी से कुरान की आयतें पढ़ते हैं. हिंदी-संस्कृत पर उतनी ही पकड़ जितनी उर्दू-अरबी पर. तो ऐसे इंसान को आप क्या कहेंगे - मुस्लिम या हिंदू? पेश हैं स्‍टेट मिरर हिंदी के एडिटर क्राइम इंवेस्टिगेशन संजीव चौहान के साथ मोहम्मद फ़ैज़ खान की खास बातचीत के कुछ खास अंश.


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