बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान, जिन्हें लोग बंगबंधु के नाम से जानते हैं, उनकी ज़िंदगी संघर्ष, जेल और बलिदान की कहानी है. टुंगिपाड़ा के एक साधारण बच्चे से लेकर आज़ादी के आंदोलन के नायक बनने तक का सफर आसान नहीं था. पाकिस्तान की जेल में महीनों की क़ैद, त्रिपुरा की गुप्त यात्रा, 7 मार्च 1971 का ऐतिहासिक भाषण और ऑपरेशन सर्चलाइट के बाद गिरफ़्तारी—हर मोड़ पर मुजीब इतिहास बनते गए. मॉस्को यात्रा में कही गई उनकी बात और 15 अगस्त 1975 की दर्दनाक हत्या, इस कहानी को और भी गहरा बना देती है. यह वीडियो बंगबंधु की वही अनकही दास्तान सामने लाता है.