बांग्लादेश में हालात एक बार फिर विस्फोटक हो गए हैं और बीते 24 घंटों में भारत विरोधी नफरत खुलकर सड़कों पर दिखाई दी है. हिंदू अल्पसंख्यकों को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है, घरों में घुसकर हमले, आगजनी और जानलेवा हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं. इस उन्माद के पीछे अचानक भड़की भीड़ नहीं, बल्कि एक सुनियोजित रणनीति मानी जा रही है. कट्टरपंथी युवक उस्मान हादी की हत्या को बहाना बनाकर भारत विरोधी नफरत फैलाई गई. जांच की परतें खोलने पर इस साजिश की डोर पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर तक जाती दिखती है. सवाल यही है कि हादी की मौत से किसे फायदा हुआ और कैसे इससे जमात-ए-इस्लामी का रास्ता साफ हुआ.