बहादुर शाह ज़फ़र या औरंगज़ेब? शक्ल नहीं, सोच पहचानिए; इतिहास को समझिए, तोड़िए नहीं

Bahadur Shah Zafar: खालिख पोतने से पहले शक्ल के साथ कर्म जानना जरूरी |History | Aurangzeb | India
Edited By :  नवनीत कुमार
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गाज़ियाबाद स्टेशन की दीवार पर लगी बहादुर शाह ज़फ़र की पेंटिंग को औरंगज़ेब समझकर कालिख पोत दिया गया. यह केवल एक गलती नहीं, बल्कि ऐतिहासिक समझ की विफलता और पूर्वाग्रहों की गहराई को दर्शाता है. ज़फ़र, वह शायर सम्राट थे जिन्होंने हिंदुस्तान की रूह से जुड़कर आख़िरी सांस ली. इतिहास को शक्ल से नहीं, विचार और विरासत से पहचाना जाना चाहिए.


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