आयुष्मान भारत योजना गरीबों को ₹5 लाख तक मुफ्त इलाज का वादा करती है, लेकिन ज़मीनी हालात इसके उलट है. कई निजी अस्पताल भुगतान में देरी का हवाला देकर योजना के तहत इलाज से इनकार कर रहे हैं. नतीजतन, गरीब मरीजों को अपने खर्चे पर इलाज कराना पड़ रहा है, जिससे योजना का उद्देश्य प्रभावित हो रहा है. इससे केंद्र और राज्य सरकारों की कार्यप्रणाली और समन्वय पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. योजना की प्रभावशीलता पर बहस तेज हो गई है.