4000 कारीगर, 5 साल की तपस्या और 47 स्वर्ण जड़ित द्वार... बिना लोहा-स्टील के विश्व का सबसे भव्य राम मंदिर कैसे बना?

Ayodhya Ram Mandir: India’s Greatest Engineering Miracle | PM Modi Hoists Dharma Dhwaja | Full Story

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बना भव्य राम मंदिर अब पूरी तरह अपनी दिव्य पूर्णता को प्राप्त कर चुका है. 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंदिर पर धर्म ध्वजा फहराना सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भारत की आस्था, विज्ञान, इंजीनियरिंग और सांस्कृतिक शक्ति का ऐतिहासिक प्रतीक बन गया. इस मंदिर का निर्माण आधुनिक तकनीक और प्राचीन भारतीय वास्तुकला का अद्भुत संगम है. CBRI, IITs और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स जैसे संस्थानों ने इसकी वैज्ञानिक मजबूती सुनिश्चित की है. करीब 4000 से अधिक कारीगरों और मजदूरों ने पांच वर्षों तक लगातार मेहनत कर इस दिव्य संरचना को साकार किया. 161 फीट ऊंचा, बिना किसी स्टील या लोहे के बने इस मंदिर में 47 स्वर्णजड़ित द्वार, 160 नक्काशीदार स्तंभ, भव्य गर्भगृह, राम दरबार, सप्तऋषि मंदिर और विशाल परकोटा इसकी अलौकिक भव्यता को और बढ़ाते हैं. राम मंदिर अब न सिर्फ आस्था का केंद्र है, बल्कि भारत की इंजीनियरिंग क्षमता का वैश्विक प्रमाण भी बन चुका है.


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