देहरादून के स्कूल में बनी मजार पर बवाल क्यों? पहले ढाहा और फिर अब पुनर्निर्माण
Dehradun: समूह ने दावा किया कि उन्होंने संरचना को गिराने के लिए सरकारी अधिकारियों से अनुमति ली थी और बुधवार शाम को सोशल मीडिया पर इसका लाइव प्रसारण भी किया गया था, जिसके बाद से ही बवाल हो रहा है.;
Dehradun: देहरादून के एक प्रतिष्ठित आवासीय दून स्कूल के अंदर अवैध रूप से निर्मित मजार को कथित तौर पर ध्वस्त कर दिया. इसे बुधवार को एक राइट विंग संगठन ने अंजाम दिया. अब सोशल मीडिया पर मामले को लेकर जमकर विरोध चल रहा है, जिसके बाद कैंट थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.
दर्ज किए गए मामले में कहा गया कि दून स्कूल के कैंपस में 70 साल पहले बने मजार को तोड़ दिया गया है. इसका कारण रोड का चौड़ीकरण बताया गया. हालांकि, विरोध के बाद ठेकेदारों ने मजार का फिर से निर्माण शुरू कर दिया है. देहरादून जिला प्रशासन ने ढांचे को गिराने के लिए कोई आदेश जारी करने से इनकार किया है.
विध्वंस की लाइव स्ट्रीमिंग
सनातन संस्कृति के सदस्यों ने कथित विध्वंस की लाइव स्ट्रीमिंग सोशल मीडिया पर की, जिससे दून स्कूल में सुरक्षा उल्लंघन को लेकर विवाद खड़ा हो गया. दून स्कूल एक कुलीन विद्यालय है, जिसमें कई सार्वजनिक हस्तियों के बच्चे पढ़ते हैं.
वीडियो में कथित तौर पर कुछ सदस्यों को संस्थान की दीवारों पर चढ़कर अंदर घुसते और एक पेड़ के नीचे एक छोटे से ढांचे को गिराते हुए दिखाया गया है. समूह की अध्यक्ष राधा धोनी ने आरोप लगाया कि यह ढांचा सार्वजनिक संस्थानों में धार्मिक इमारतों के खिलाफ मुख्यमंत्री के निर्देश का उल्लंघन करता है.
चार से पांच लोगों पर तोड़ने का आरोप
चार से पांच लोगों के एक समूह द्वारा कुल्हाड़ियों और हथौड़ों का उपयोग करके मंदिर को ध्वस्त करने के कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं.
दून स्कूल ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है और पुलिस में औपचारिक शिकायत नहीं की है. इस बीच, देहरादून के जिला मजिस्ट्रेट सविन बंसल ने मीडिया को बताया कि प्रशासन ने ध्वस्तीकरण के आदेश जारी नहीं किए हैं.
पुलिस का कहना है कि अवैध निर्माण सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास है. उन्होंने ये भी कहा कि इसकी जांच की जा रही है और जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी.