क्या दूसरे समुदाय के लोगों को मंदिर में रहना गुनाह? उत्तराखंड के शिव मंदिर में आधार कार्ड देख कर मचा बवाल
अल्मोड़ा में साधु के भेस में रहे युवक पर स्थानिय लोग भड़क गए. मिली जानकारी के अनुसार काफी लंबे समय से लोगों को साधु पर संदेह था. जिसके बाद उसकी तलाशी ली गई. वहीं तलाशी के बाद व्यक्ति की पहचान देखकर लोग भड़क गए.;
उत्तराखंडः अल्मोड़ा में साधु के भेस में रहे युवक पर स्थानिय लोग भड़क गए. मिली जानकारी के अनुसार काफी लंबे समय से लोगों को साधु पर संदेह था. जिसके बाद उसकी तलाशी ली गई.
स्थानीय लोगों ने संदेह दूर करने के लिए शनिवार को कुछ लोगों ने उस साधु से आधार कार्ड की जब मांग की तो इसका खुलासा हुआ कि वह दूर शिव मंदिर में साधु का भेस धारण कर रह रहा था. फिलहाल इसकी जानकारी पुलिस तक नहीं पहुंची है.
3-4 महीने से मंदिर में रह रहा था व्यक्ति
मंदिर में पिछले तीन से चार महीने पहले एक अज्ञात व्यक्ति साधु का भेस धारण कर रह रहा था. हालांकि क्योंकी लोगों को उसपर शक था तो व्यक्ति की गतिविधियों पर लगातार नजर भी रखी जा रही थी. अपने संदेह को दूर करने के लिए जब लोगों ने व्यक्ति से पहचान पूछी तो वे पहचान बताने में हिचकिचाने लगा. जिसके बाद लोगों का शक और भी गहरा हुआ.
आधार कार्ड देखकर चौंके लोग
लोगों ने इस पूछताछ में जब व्यक्ति से आधार कार्ड की मांग की तो वे उसकी पहचान देखकर चौंक गए. ऐसा इसलिए क्योंकी आधार कार्ड में दर्ज हुई जानकारी के अनुसार व्यक्ति किसी दूसरे समुदाय का था. इसी पहचान पत्र को देखने के बाद गुस्साए ग्रामीणों से उसे मंदिर खाली करने को कहा.
पुलिस ने शुरू किया पहचान ऐप
ऐसे कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं. जिसपर रोक लगाने के लिए कुमाऊं में रहने वाले लोगों को पहचान छिपाने की अनुमति नहीं है. इसी कड़ी में पुलिस ने पहचान ऐप की शुरुआत की है. इस ऐप की मदद से उन व्यक्तियों को काफी मदद मिलने वाली है जो दूसरे किसी राज्य से यहां आकर ईमानदारी से काम करने के लिए आए हैं. उन्हें यहां रजिस्ट्रेशन करवाने में किसी दिक्कत का सामना न हो इसलिए यह ऐप जारी किया गया है.