गुलदार ने दबोची मासूम की गर्दन, घर के आंगन से बच्चे को किया गायब

उत्तराखंड के पुरवल गांव की है. रविवार की शाम 5 बजे अंकित कुमार का बेटा राजकुमार अपने मामा के बच्चों के साथ आंगन में खेल रहा था. तभी अचानक एक गुलदार ने उसपर हमला कर दिया. गुलदार ने बच्चे की गर्दन अपने मुंह में दबोची और उठाकर ले गया. कुछ देर पर परिवार और गांव वालों ने बच्चे की तलाश शुरू की, तो बच्चा घर के पीछे खून से लतपथ मिला.;

( Image Source:  meta ai )
Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 16 Oct 2025 1:51 PM IST

Uttarakhand News: उत्तराखंड में पिछले कुछ समय में गुलदार का कहर देखने को मिल रहा है. प्रदेश में हमेशा गुलदार का हमला व निवाला बनते लोगों की खबर सामने आती है. इस बीच एक और डरा देने वाली घटना सामने आई है. एक तीन साल के बच्चे को तेंदुआ उठाकर ले गया और उसे मार डाला.

यह घटना उत्तराखंड के पुरवल गांव की है. रविवार की शाम 5 बजे अंकित कुमार का बेटा राजकुमार अपने मामा के बच्चों के साथ आंगन में खेल रहा था. तभी अचानक एक गुलदार ने उसपर हमला कर दिया. गुलदार ने बच्चे की गर्दन अपने मुंह में दबोची और उठाकर ले गया.

झाड़ी में मिली लाश

जानकारी के अनुसार गुलदार के हमले के बाद पुरे गांव में हाहाकार मच गया. कुछ देर पर परिवार और गांव वालों ने बच्चे की तलाश शुरू की, तो बच्चा घर के पीछे खून से लतपथ मिला. बच्चे का शव झाड़ियों के पास बुरी हालात में मिला. झाड़ियों पर खून के निशान थे, जिसे देखकर सभी के होश उड़े गए. ग्रामीणों के अनुसार उस दौरान भी गुलदार शव के पास था और सबके शोर मचाने पर गुलदार बार-बार शव के पास आने की कोशिश कर रहा था.

वन विभाग ने क्या कहा?

इस मामले पर टिहरी वन विभाग के भिलंगना क्षेत्र आशीष नौटियाल और पुरवल गांव के प्रधान संजय तिवारी ने बयान दिया है. उनका कहना है कि बच्चा खेलते-खेलते घर से बाहर आ गया और घर के पीछे वाले हिस्से में पहुंच गया. वहां पर पहले से गुलदार मौजूद था और झाड़ियों में छिपा हुआ था. उसने बच्चे को अकेला देख हमला कर दिया. हालांकि परिजनों ने दावा किया कि बच्चा घर के आंगन में ही खेल रहा था, तभी गुलदार वहां आया और उसे उठाकर ले गया.

पहले भी किया था अटैक

जानकारी के अनुसार इससे पहले भी गुलदार के हमले का मामला सामने आया था. 23 जुलाई को ग्राम पंचायत भोड़ गांव में 9 साल के एक बच्चे को गुलदार ने अपना शिकार बनाया था. उसने उस बच्चे को भी आंगन से उठाया था. इस घटना के बाद वन विभाग ने गुलदार को मारने के लिए गांव में एक महीने तक शूटर को तैनात किया था. लेकिन वह गुलदार को पकड़ नहीं पाए.

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