उत्तराखंड के इन जिलों में फैला तेंदुए का आतंक, अगले 3 दिनों तक कई स्कूलों रहेंगे बंद
उत्तराखंड तेहरी डिस्ट्रिक्ट में तेंदुए के डर के कारण अगले तीन दिनों के लिए स्कूल बंद कर दिए गए हैं. ऐसे में जिन बच्चों के एग्जाम इन स्कूलों में होने वाले थे. उन्हें आगे कुछ समय के अगले आदेश तक के लिए टाल दिया गया है. वहीं तेंदुए के डर के कारण कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.;
उत्तराखंड के देहरादून में तेहरी जिला के भिलंगना क्षेत्र के स्कूल अगले तीन दिनों तक बंद रहने वाले है. इस संबंध में अधिकारियों का कहना है कि ये स्कूल तेंदुए के हमले के डर के कारण बंद किए गए हैं. दरअसल पिछले कुछ समय पहले तेंदुए हमले की कई वारदात सामने आ चुकी है. पिछले चार महीनों में अब तक क्षेत्र में तेदुएं ने 4 बच्चों को मार गिराया है.
अधिकारियों का कहना है कि इस हफ्ते की शुरुआत में 13 वर्षीय लड़की का तेंदुए ने शिकार किया था. जो काफी खतरनाक था. वहीं बच्चों की सुरक्षा के मद्येनजर इन स्कूलों को बंद तीन दिन तक बंद करने का फैसला लिया गया है.
एग्जाम की डेट टाली गई
बताया गया कि भोडगांव, पुवालगांव, महरगांव और अंथवालगांव में सरकारी प्राथमिक स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है. हालांकि इन स्कूलों जिन बच्चों की परीक्षाएं प्रस्तावित थीं. उन्हें अगली सूचना मिलने तक के लिए टाल दिया गया है. इस संबंध में तेहरी चीफ शिक्षा अधिकारी एसपी सेमवाल ने कहा कि फिलहाल तेंदुआ कहां छिपा हुआ है. इसकी जानकारी सामने नहीं आई है.
उन्होंने कहा कि इसलिए हमने स्कूलों को फिलहाल के लिए बंद करने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि सरकारी हाई स्कूल ने कड़ी सुरक्षा के बीच छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग के कर्मियों के साथ, कक्षाएं फिर से शुरू कर दी हैं. शिक्षा अधिकारी ने कहा कि किसी भी शैक्षणिक समय के नुकसान की भरपाई एडिशन क्लासेस से की जाएगी. इससे खतरा कम होने पर परीक्षाओं को रीस्केड्यूल किया जाएगा.
टाइट है सुरक्षा व्यवस्था
वहीं तेदुएं के हमले से बचने के लिए शूटर्स, ड्रोन और ग्राउंड पर टीमों को तैनात किया गया है. इसी कड़ी में डिविजनल वन अधिकारी (DFO) पुनीत तोमर ने सतर्क रहने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिनों से हमारी टीमें तेंदुए की गतिविधियों पर नज़र रख रही हैं. अधिकारियों ने कहा कि घने वन में ढूंढने में काफी कठिनाई महसूस होती हैं. उन्होंने बताया कि जागरूकता टीमें भी जमीन पर तैनात की गई हैं और निवासियों को जानवर मिलने तक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.