गाड़ी की स्पीड करें कंट्रोल, ओवर स्पीड करने पर कटेगा 2000 रुपये का चालान

अल्मोड़ा आरटीओ ने जगह-जगह चेकिंग अभियान चालाता है और ओवर स्पीड होने पर 2000 रुपये का चालान लगाने का फैसला किया है. बार-बार ओवर स्पीड मामले में पकड़े जाने पर तीन महीने के लिए आपका लाइसेंस भी रद्द हो सकता है. वाहनों की गति नियंत्रण के लिए कमेटी भी गठित की गई है, जिसके अध्यक्ष जिले के एसएसपी होंगे.;

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Uttarakhand News: देश भर से लोग हर साल गर्मियों में पहाड़ों पर घूमने-फिरने के लिए जाते हैं. पहाड़ी रास्ते जितने खूबसूरत होते हैं उतने ही खतरनाक भी होते हैं. इन रास्तों पर ड्राइविंग करना हर किसी के लिए आसान नहीं है. क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही किसी की जान तक ले सकती है. अब उत्तराखंड में ओवर स्पीड को लेकर दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.

पहाड़ों में आकर लोग मस्ती में हाई स्पीड में गाड़ी चलाते हैं, जिससे दुर्घटना हो जाती है. उत्तराखंड में विभिन्न सड़कों के अलग-अलग मानक होते हैं. पहाड़ी इलाकों में गाड़ी की स्पीड 25 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 40 किलोमीटर प्रति घंटा होती है.

ओवर स्पीड पर कटेगा चालान

प्रदेश में गाड़ी चलाने की अधिकतम स्पीड 30 किलोमीटर प्रति घंटा होती है. वहीं दोपहिया की 35 किलोमीटर तय की गई है. अल्मोड़ा आरटीओ ने जगह-जगह चेकिंग अभियान चालाता है और ओवर स्पीड होने पर 2000 रुपये का चालान लगाने का फैसला किया है. बार-बार ओवर स्पीड मामले में पकड़े जाने पर तीन महीने के लिए आपका लाइसेंस भी रद्द हो सकता है.

कमेटी का गठन

Local 18 से बातचीत के दौरान अल्मोड़ा की आरटीओ अनीता चंद ने इस संबंध में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पहाड़ी इलाकों में जगह-जगह मोड़ होते हैं. जब लोग सैलानी बाहर से घूमने आते हैं तो उन्हें पता नहीं होता कि वह अपनी गाड़ी की स्पीड कितनी रखें और बैलेंस बिगड़ने से हादसे बढ़ जाते हैं. उन्होंने बताया वाहनों की गति नियंत्रण के लिए कमेटी भी गठित की गई है, जिसके अध्यक्ष जिले के एसएसपी होंगे.

कचरा फेंकने पर लगेगा जुर्माना

उत्तराखंड में अब पर्यटकों के लिए बड़ा निर्देश जारी किया गया है. अब जंगल में प्लास्टिक या नॉन बायो डिग्रेडेबल कचरा फेंकने वाले के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी. इसलिए उत्तराखंड सरकार ने वन विभाग को उत्तराखंड प्लास्टिक एवं जैव अनाशित कूड़ा एक्ट के तहत कार्रवाई करने का अधिकार दिया है. पहले जंगल में गंदगी फैलाने पर वन विभाग वन संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई करता था.

वन विभाग को मिला अधिकार

इस संबंध में रायपुर रेंजर राकेश नेगी ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सरकार ने वन विभाग को सीधे चालान काटने का अधिकार दे दिया है, जिससे जंगल में कचरा फेंकने वालों पर तत्काल कार्रवाई हो सकेगी. इस कदम से जंगल में फेंकने वाले लोग बार-बार सोचेंगे.

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