उत्तराखंड में 6500 फीट की ऊंचाई पर मिला मोर, वन अधिकारी ने कहा- मोर कर रहे पलायन

उत्तराखंड के वन में 6500 की ऊंचाई पर मोर को दो बार देखा गया. इसे देखने पर काफी हैरानी हुई. वहीं इसे लेकर अधिकारियों का कहना है कि मोर पलायन कर रहे हैं. हालांकि उनका कहना है कि जब अथिक ठंड होगी तो सामान्य रूप से वापस लौट आएंगे.;

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Edited By :  सार्थक अरोड़ा
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देहरादून के पिथौरागढ़ में स्थित बागेश्वर जिले के जंगलों में 6500 फीट की उचाई पर मोर पाया गया है. अकसर मोर किसी एसी जगह पर ही पाए जातें हैं जिसकी उचाई अधिक न हो. लेकिन मोर के अचानक इतनी उंचाई पर चले जाने के कारण इसपर काफी चिंता जताई जा रही है.

वहीं अचानक इतनी उचाई पर मोर के पहुंच जाने के कारण काफी हैरानी हुई. इसे असमान्य घटना के रूप में देखा जा रहा है. यह घटना उजागर होने के बाद अधिकारी वन अधिकारी ने कहा कि यह काफी आश्चर्यजनक है. क्योंकी अकसर मोर केवल 1600 की फीट पर ही पाया जाता है. लेकिन 1600 की यह फीट अब 6500 दिखाई दी.

क्या हो सकता है कारण?

इस संबंध में जब वन विभाग से सवाल किया गया तो उनका कहना है कि सामान्य उंचाई से अधिक उंचाई पर जाने के पीछे एक कारण यह भी हो सकता है कि पहाड़ी इलाके अब पहले से अधिक ठंडे नहीं रहे. उंचाई को लेकर उनका कहना है कि इसपर वन विशेज्ञों को घबराने की जरुरत नहीं है. क्योंकी मोर अपने स्थानों को लेकर काफी सिलेक्टिव होते हैं. इस कारण जो बेहतर लग रहा है इस कारण उन्होंने उंचाई को चुनना पसंद किया है.

इस पर आश्चर्य इसलिए भी हो रहा है क्योंकी अब तक दो बार मोर को वन में इतनी उचाई पर देखा गया है. अधिकारी ने बताया कि मानवीय गतिविधियों के कारण जलवायु काफी प्रभावित हुई. जिसके कारण माहौल काफी गर्म हो चुका है, यही कारण भी है कि मोरों का पलायन शुरू हो चुका है.

मोर कर रहे पलायन अब नहीं आएंगे वापस?

अधिकारी द्वारा बताई गई जानकारी के अनुसार इस कारण मोरों ने पलायन करना शुरू कर दिया है. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि एक बार ठंड के अधिक बढ़ जाने के कारण जमीन पर रहने वाले पक्षी अपने स्थान पर वापस लौट आएंगे. वहीं जब उनसे पूछा गया कि क्या ऐसा और भी कभी होता है? तो इस पर अधिकारी ने कहा कि केवल दो बार दृश्यता के आधार पर इस प्रकार को निष्कर्ष निकालना अभी जल्दबाजी होगी.

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