मलबे में दब गए घर और होटल... देहरादून में बादल फटने से 15 की मौत, 900 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू, अबतक क्या-क्या हुआ?
उत्तराखंड में लगातार बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है. देहरादून, मसूरी, सहस्त्रधारा और मालदेवता क्षेत्र में सड़कों-पुलों के टूटने और घर बहने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है और 16 लोग लापता हैं. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने अब तक 900 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत कार्य तेज करने का आदेश दिया.;
उत्तराखंड इस समय भीषण आपदा का सामना कर रहा है. पिछले 24 घंटों से हो रही मूसलधार बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने देहरादून, टिहरी, नैनीताल और मसूरी समेत कई जिलों में भारी तबाही मचाई है. नदियां उफान पर हैं, पुल और सड़कें बह गई हैं, जबकि कई घर और होटल मलबे में दब गए. अब तक 15 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 16 लोग लापता बताए जा रहे हैं.
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) के अनुसार, अकेले देहरादून जिले में 13 मौतें हुई हैं. नैनीताल और पिथौरागढ़ में एक-एक व्यक्ति की जान गई है. देहरादून के प्रेमनगर, सहस्त्रधारा और मालदेवता इलाकों में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं. यहां कई जगहों पर सैकड़ों लोग पानी और मलबे के बीच फंसे रहे.
टोंस नदी में मचा कोहराम
देहरादून जिले के विकासनगर इलाके में टोंस नदी अचानक उफान पर आ गई. नदी पार कर रही ट्रैक्टर-ट्रॉली तेज बहाव में बह गई. इस हादसे में मुरादाबाद जिले के छह मजदूरों की मौत हो गई, जबकि चार अब भी लापता हैं. मृतकों में महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल हैं. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की मदद और शवों को गांव तक पहुंचाने की घोषणा की है.
मजदूर बहते दिखे, वायरल हुआ वीडियो
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने इस त्रासदी की भयावहता को और स्पष्ट कर दिया. वीडियो में देखा गया कि ट्रॉली पर सवार मजदूर नदी के बीच फंसे हुए मदद की गुहार लगा रहे थे. तभी तेज बहाव ने ट्रॉली को बहा दिया और मजदूर धारा में समा गए. अब तक आठ मजदूरों के शव बरामद किए जा चुके हैं.
टपकेश्वर मंदिर और हनुमान प्रतिमा डूबी
देहरादून में सोंग और टोंस नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया. इसका असर टपकेश्वर महादेव मंदिर पर भी पड़ा. मंदिर परिसर पूरी तरह पानी में डूब गया और प्रवेश द्वार पर स्थित विशाल हनुमान प्रतिमा आधी पानी में समा गई. पुजारी ने बताया कि पिछले 30 सालों में नदी का जलस्तर इतना ऊपर कभी नहीं पहुंचा था.
सहस्त्रधारा-मालदेवता क्षेत्र में भीषण तबाही
सहस्त्रधारा और मालदेवता इलाकों में बादल फटने से भारी मलबा बाजार और घरों में घुस गया. देखते ही देखते कई होटल और दुकानें बह गईं. सहस्त्रधारा रोड पर बने पुल को भी नुकसान पहुंचा है. ऋषि नगर पुल का एक बड़ा हिस्सा टूट गया, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया.
खंभों पर चढ़कर लोगों ने बचाई जान
प्रेमनगर इलाके में अचानक आए सैलाब ने लोगों को जान बचाने के लिए खंभों और ऊंची इमारतों पर चढ़ने पर मजबूर कर दिया. कई घंटे तक लोग वहीं फंसे रहे. फुलेट गांव में एक मकान गिरने से आठ मजदूर मलबे में दब गए. ग्रामीणों ने दो मजदूरों को निकाल लिया, लेकिन बाकी की तलाश अभी भी जारी है.
छात्रों और पर्यटकों को किया गया रेस्क्यू
देवभूमि इंस्टीट्यूट पौंधा में पानी घुस जाने से 400 से ज्यादा छात्र फंस गए थे. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने रातभर चले ऑपरेशन में सभी छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाला. मसूरी में भी कई होटल और गेस्टहाउस में पर्यटक फंसे थे, जिन्हें जवानों ने बचाया.
ऋषिकेश और टिहरी में संकट
ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी का जलस्तर खतरे से ऊपर बह रहा है. कई वाहन धारा में बह गए और बदरीनाथ हाईवे जगह-जगह से कट गया है. टिहरी में भूस्खलन से कई सड़कें बंद हो गईं. देहरादून-चकराता रोड पर चट्टान गिरने से एक युवक की मौत भी हो गई.
मसूरी-दून मार्ग ठप
मसूरी-दून मार्ग बंद होने से दोनों शहरों का संपर्क टूट गया है. पुलिस ने यात्रियों से अपील की है कि वे इस रास्ते से न गुजरें. झड़ीपानी शॉर्टकट रोड पर मलबा गिरने से एक घर दब गया, जिसमें नेपाली मूल के एक व्यक्ति की मौत हो गई.
हरिद्वार में अलर्ट
हरिद्वार में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. प्रशासन ने निचले इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है. राहत दल हरिद्वार और ऋषिकेश में चौकसी पर हैं.
CM धामी का दौरा और राहत आश्वासन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित इलाकों का हवाई और जमीनी दौरा किया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है. 25 से ज्यादा सड़कें टूट चुकी हैं और कई गांवों का संपर्क पूरी तरह कट गया है. सरकार युद्धस्तर पर राहत-बचाव कार्य कर रही है.