रुद्रप्रयाग अश्लील वीडियो कांड में 11 गिरफ्तार, 6 नाबालिग! फेक वीडियो बनाकर कर रहे थे लड़की की बदनामी

पुलिस की जांच शुरू होते ही पता चला कि यह कोई नई बात नहीं है. यह वीडियो असल में साल 2023 में बनाया गया था और इसे हैदराबाद से जुड़ा हुआ पाया गया. विभिन्न वेबसाइट्स पर यह पहले से ही अपलोड था. रुद्रप्रयाग या स्थानीय इलाके का इससे कोई लेना-देना नहीं है.;

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Edited By :  रूपाली राय
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उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में एक बहुत ही गंभीर और शर्मनाक घटना सामने आई है. यहां एक अश्लील वीडियो को जानबूझकर वायरल किया गया, ताकि एक लड़की की इज्जत और नाम को खराब किया जा सके. लेकिन अच्छी बात यह है कि पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और अब तक 11 लोगों को पकड़ लिया है, जिनमें से 6 लड़के-लड़कियां नाबालिग (यानी 18 साल से कम उम्र के) हैं। इन सभी के खिलाफ कानून के मुताबिक सख्त कार्रवाई की जा रही है. साथ ही, पुलिस अभी भी दूसरे संदिग्ध लोगों की तलाश कर रही है, जो इस गंदी हरकत में शामिल हो सकते हैं. 

एक पिता ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि उनकी बेटी को बदनाम करने के लिए एक गंदा वीडियो सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर फैलाया जा रहा है. लेकिन सच्चाई यह है कि वह वीडियो उनकी बेटी का बिल्कुल नहीं है! यह सिर्फ झूठी अफवाह फैलाने और लड़की की जिंदगी बर्बाद करने की साजिश थी. पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लिया और तुरंत मुकदमा दर्ज किया इसमें दो मुख्य कानूनी धाराएं लगाई गईं. धारा 79: यह महिला की इज्जत को ठेस पहुंचाने या उसकी निजता (प्राइवेसी) भंग करने के लिए है. धारा 67A: यह इंटरनेट या मोबाइल पर अश्लील (सेक्सुअल) सामग्री बनाने, शेयर करने या फैलाने के खिलाफ है. 

2023 में बनाया गया था वीडियो  

पुलिस की जांच शुरू होते ही पता चला कि यह कोई नई बात नहीं है. यह वीडियो असल में साल 2023 में बनाया गया था और इसे हैदराबाद से जुड़ा हुआ पाया गया. विभिन्न वेबसाइट्स पर यह पहले से ही अपलोड था. रुद्रप्रयाग या स्थानीय इलाके का इससे कोई लेना-देना नहीं है. कुछ शरारती और गलत सोच वाले लोग इसे जानबूझकर 'लोकल लड़की का वीडियो' बताकर वायरल कर रहे थे, सिर्फ किसी को बदनाम करने के लिए. जिसके बाद पुलिस कार्यवाई में कुल 11 लोग अब तक पकड़े गए हैं. इनमें 6 नाबालिग हैं, इसलिए उनके साथ जुवेनाइल जस्टिस एक्ट (बाल न्याय कानून) के तहत कार्रवाई हो रही है. 

मैसेज के जरिए अश्लीलता 

4 व्हाट्सएप ग्रुप्स के एडमिन पर भी एक्शन लिया गया, क्योंकि वे ग्रुप में ऐसी गंदी चीजें फैलने दे रहे थे. पुलिस ने स्पेशल टूल्स और सॉफ्टवेयर की मदद से वीडियो की असलियत चेक की. सबूत साफ हैं कि यह पुराना वीडियो है और लोकल नहीं. जांच अभी जारी है। जो भी इसमें शामिल होगा, उसे नहीं बख्शा जाएगा. 

ये बेहद दुखद है 

रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने खुद बताया कि यह एक अनोखा और दुखद केस है. लोग अपनी गंदी मानसिकता के चलते किसी निर्दोष को निशाना बना रहे हैं. पुलिस ने फौरन टीम गठित की और कार्रवाई शुरू कर दी. उन्होंने कहा, 'हमारा मकसद है कि ऐसी घटनाएं रुकें और लोग डरें कि कानून की पकड़ से कोई नहीं बच सकता.' पुलिस ने सभी लोगों से गुजारिश की है कि कभी भी अश्लील फोटो, वीडियो या कोई गंदी सामग्री शेयर न करें, खासकर किसी की इज्जत खराब करने के इरादे से. अगर आपके पास ऐसी चीज आती है, तो उसे आगे फॉरवर्ड न करें सीधे पुलिस को बताएं. सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाना बड़ा जुर्म है. इससे किसी की जिंदगी बर्बाद हो सकती है परिवार टूट सकता है, मानसिक तनाव हो सकता है. अगर आप ऐसा करेंगे, तो आपके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी, जैसे जुर्माना, जेल या दोनों. 

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